हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहन है और ये मेरा पहला सेक्स अनुभव कविता भाभी के साथ हुआ। अब में कहानी शुरू करता हूँ, में दिल्ली का रहने वाला हूँ और कॉलेज में पढ़ रहा हूँ।
ये बात 2 साल पहले की है, जब मेरे 12वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम ख़त्म हुए थे तो में बिल्कुल फ्री था। मेरे पड़ोस में एक फेमिली रहती है, उनसे हमारा अच्छा रिश्ता है। उनके 2 बेटे है एक की शादी हो चुकी थी और एक बेटा है, उनकी पत्नी का नाम कविता है।
जब मैंने उन्हें पहली बार देखा था तो में उन्हें देखकर पागल हो गया था और हमेशा उसे चोदने के बारे में सोचा करता था।
हमारे घर पास पास थे, तो वो रोज सुबह बालकनी पर कपड़े सुखाने आती थी तो में भी बालकनी पर पहुँच जाता और बातें भी करता रहता था |
एक दिन उनके परिवार वाले गावं जाने वाले थे और सिर्फ़ मेरा कज़िन और भाभी ही घर पर थे तो भैया ने मुझसे कहा कि वो आज उनके घर रुक जाए और भैया ऑफिस चले गये।और में उनकी बालकनी से उनकी पेंटी चुरा लेता और उनकी पेंटी को चाटता और मुठ मारता।
भाई के जाने के बाद में उनके घर गया तो भाभी ने गेट खोला उन्होंने पिंक कलर की साड़ी पहनी थी। वो क्या मस्त लग रही थी? और हम अंदर आ गये। फिर, वो मेरे लिए नाश्ता लेने गई और फिर हम दोनों ने नाश्ता किया।
फिर उन्होंने कहा कि में कपड़े धोने जा रही हूँ तुम बैठो, तो में उनके बेटे के साथ खेलने लगा, फिर थोड़ी देर बाद वो सो गया तो मैंने उसे बेड पर लेटा दिया।
फिर मैंने सोचा भाभी के साथ बात कर लेता हूँ, वो बाथरूम में कपड़े धो रही थी।
फिर में बाथरूम के पास गया तो गेट खुला था और जैसे ही मैंने देखा तो वो टायलेट कर रही थी और मुझे देखकर अचानक से उठी जिससे उनकी साड़ी गंदी हो गयी और कहा कि जाओ यहाँ से और में पीछे हट गया और फिर वो गुस्से से बाहर आई और मुझे गुस्से से देख रही थी।
फिर मैंने भाभी से कहा मुझे पता नहीं था। फिर उन्होंने पूछा तुम यहाँ क्यों आए थे?
फिर मैंने कहा भाभी मुन्ना सो गया था इसीलिए मैंने सोचा आपके साथ बात कर लेते है। फिर उन्होंने कहा ठीक है, लेकिन फिर ऐसा मत करना और फिर वो कपड़े धोने लगी और में उनके कमरे में कंप्यूटर पर बैठा था और इंटरनेट पर पोर्न साईट खोलकर वीडियो देखने लगा।
फिर भाभी छत पर कपड़े सुखाकर आई और मुझे आवाज़ दी उनकी आवाज़ सुनते ही मैंने नेट बंद कर दिया। फिर उन्होंने कहा तुमने मेरे सारे कपड़े गंदे कर दिए में नहाने जा रही हूँ और में फिर से वीडियो देखने लगा और भाभी के बारे में सोचने लगा।
फिर में बाथरूम के होल में से भाभी को देखने लगा, वाह्ह्ह क्या गोरा बदन था? और उन्हें देखकर मुठ मारने लगा तो अचानक से मेरा बैलेन्स बिगड़ गया और में गेट से टकरा गया, शायद उन्होंने गेट लॉक नहीं किया था और में अन्दर गिर पड़ा।
मुझे देखकर वो ज़ोर से चिल्लाई और कहा कि तुम यहाँ क्या कर रहे हो? और जल्दी से टावल से खुद को ढक लिया। में तो फटी आँखो से उन्हें देखता ही रह गया और वो कहने लगी ये क्या बतमीजी है? फिर मैंने उनको पकड़ लिया और भाभी से कहने लगा मुझे माफ़ कर दो।
फिर मैंने उनको बताया कि में उन्हें बहुत पसंद करता हूँ और मैंने भाभी से कहा कि भाभी प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो, आप जो कहोगे में करूँगा, लेकिन मुझे माफ़ कर दो।
तो उन्होंने कहा में जो कहूँगी करोंगे, तो मैंने कहा हाँ करूँगा, फिर उन्होंने दुबारा पूछा सच जो कहूँगी करोंगे, तो मैंने कहा हाँ करूँगा और मेरे हाँ कहते ही उन्होंने अपना टावल फेंक दिया और मुझे अपनी और खींचा और कहा कि चोदो मुझे, ऐसा कहते ही में तो हैरान रह गया।
फिर मैंने कहा क्या? तो उन्होंने कहा में जानती हूँ कि तुम मेरी पेंटी चुरा लेते हो और अभी भी कंप्यूटर पर सेक्स वीडियो देख रहे थे।
में भी काफ़ी समय से तुमसे चुदवाना चाहती हूँ और उनके ये कहते ही में उन पर टूट पड़ा और किस करने लगा।
हम बाथरूम में थे इसीलिए मैंने अपने कपड़े उतार दिए और पेंट भी ऊतार दी थी। फिर भाभी ने कहा, वाह्ह्ह रोहन तुम्हारा क्या लंड है? इतना बड़ा तो मेरे पति का भी नहीं है और हम किस करने लगे और ऊपर शॉवर चल रहा था।
फिर में उनके बूब्स चूसने लगा और वो, आह्ह्हह्ह कर रही थी। कई बार में उनके बूब्स को काट लेता और वो चिल्लाती रही।
फिर हम दोनों ने खुद को पोछा और फिर मैंने उन्हें गोद में उठाया और बेडरूम में लेकर आया, मुन्ना अभी भी सो रहा था तो मैंने उसे उठा कर अलग सोफे पर लेटा दिया और भाभी को सोफे पर लेटाकर उनके पैरों के पास बैठ गया।
मैंने एक वीडियो में बॉडी को चाटना देखा था, तो मैंने सोचा कि वैसा ही करता हूँ और उनके पैरो की उंगलियों को चाटने लगा। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर उनके दोनों पैरो को चाटने के बाद मैंने उसके पूरे पैर को उनकी जांघ तक चाटा और उनकी गोरी चूत तक जा पहुंचा, उनकी चूत पर एक भी बाल नहीं था।
फिर मैंने उनकी चूत चाटनी शुरू की और फिर मैंने उनकी चूत पर जीभ लगाते ही, वो ज़ोर से उछली और सिसकारियां लेने लगी। उनकी चूत को चाटने में मुझे जन्नत का मज़ा आया और फिर में कुत्तो की तरह चूत चाटने लगा।
करीब 15 मिनट तक चूत चाटने के बाद उनकी चूत में से पानी निकला और मैंने सारा पानी पी लिया। क्या मस्त पानी था? फिर मैंने उन्हें उल्टा करके उनकी गांड पर 6-7 थप्पड़ मारे और उनकी गांड को भी चाटने लगा।
फिर मैंने उनको मेरा लंड चूसने को कहा और वो मेरा लंड चूसने लगी, वाह्ह्ह्ह क्या मज़ा आ रहा था? और फिर 10 मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद मेरा लंड पूरा रोड की तरह सख्त हो गया।
फिर मैंने उनकी टाँगे खोलकर अपना लंड उनकी चूत से लगाते ही वो सिसकी और मैंने एक झटका मारा और मेरा आधा लंड उनकी चूत में चला गया और वो ज़ोर से चिल्लाई।
फिर में उन्हें किस करने लगा और बूब्स दबाने लगा, फिर मैंने अचानक से एक और तगड़ा झटका मारा और इस बार मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया था, वो चिल्लाना चाहती थी, लेकिन उनकी चीख मेरे मुँह में ही रह गई।
मैंने फिर से लंड अंदर बाहर करना शुरू किया और वो आआआहह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह्हह्ह की सेक्सी आवाज करने लगी और जिससे मेरी स्पीड और तेज हो गयी।
वो कहने लगी हाँ चोदो मुझे, हहहाहा और तेज और तेज और में बहुत तेज-तेज चोद रहा था और करीब आधे घंटे के बाद में झड़ने वाला था तो उन्होंने कहा कि मेरी चूत में ही झाड़ दो और मैंने सारा वीर्य अंदर झाड़ दिया और उनके ऊपर लेट गया और धीरे धीरे किस करता रहा।
फिर मैंने अचानक देखा कि मुन्ना जाग गया है और हम दोनों को देख रहा था।
फिर में अचानक दूर हुआ तो भाभी ने कहा क्या हुआ? अरे ये तो अभी एक साल का ही है क्यों डर रहे हो? फिर में दुबारा बेड पर आया और उन्हें क़िस करने लगा।
फिर मैंने भाभी से उनकी गांड मारने को कहा तो उन्होंने कहा रुके क्यों हो? तो मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में करके उनकी गांड पर लंड रखा, लेकिन उनकी गांड बहुत टाईट थी।
तो फिर में ऑयल लेकर आया और भाभी की गांड की मालिश करने लगा और अपने लंड पर भी ऑयल लगाया और एक ज़ोर के झटके में लंड अंदर डाला, लेकिन उनकी गांड बहुत टाईट थी।
मेरा लंड थोड़ा ही गांड में गया था, शायद उन्होंने कभी गांड नहीं मरवाई थी।
फिर मैंने एक और ज़ोर का झटका मारा और पूरा लंड अंदर डाल दिया और वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई थी, फिर में घपाघप उनकी गांड मारता रहा और थोड़ी देर के बाद में झड़ गया।
फिर उस दिन हमने कई बार सेक्स किया और जब तक उनके घरवाले गावं से नहीं आए हम रोज पूरा दिन सेक्स करते थे ।
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