World is incomplete without sex.

Search

लाइट ऑफ थी बीवी को चोदने की जगह दीदी को चोद डाला Light off thi biwi ko chodne ki jagah didi ko chod dala

13 comments :
मेरी उम्र 23 वर्ष हो रही है। मेरे परिवार में मात्र तीन लोग रहते हैं, मैं, मेरी माँ और मेरी पत्नी ! और हाँ एक और सदस्य आज ही आया जो हमारे ही बीच का है पर आज से ठीक दो साल पहले ही उसकी शादी हो चुकी है, जो अपने ससुराल में रहती है, वह है मेरी दीदी ! जिसके पति तीन दिन पहले अरब देश जा चुके हैं, जिसके चलते वह हमारे यहाँ रहने आ गई है।
पर आते ही मेरे कमरे और मेरी बीवी पर पहला अधिकार जमा लिया। सबकी दुलारी होने से कोई कुछ नहीं मना करता और किसी काम को करने से नहीं रोकता है। माँ की दुलारी तथा मेरी भी बड़ी दीदी होकर भी साथ साथ पले बढ़े हैं क्योंकि मुझसे मात्र दो साल ही बड़ी है।
हम लोग उनकी सेवा में लगे हुए थे और देखते देखते शाम, फिर रात भी हो गई, परन्तु दीदी मेरे कमरे में जमी रही। अंत में मुझे दूसरे कमरे में यह सोच कर सोना पड़ा कि शायद आज ही आई है तो सो गई, कल से दूसरे कमरे में सोयेंगी। दूसरे कमरे में आकर मैंने सोने की कोशिश की मगर नींद नहीं आई तो टी.वी. चला लिया। शनिवार होने से चैनल बदलते हुए मेरा हाथ रैन टी.वी. पर रुक गया जहाँ गर्म फिल्म आ रही थी।
अब तो मेरी नींद भी जाती रही, एक तो बीवी से डेढ़ साल में पहली बार रात में अलग सोना, उस पर से रैन टी.वी. का कहर ! मुठ मारते पूरी रात काटनी पड़ी पर मन टी.वी. बिना देखे मान ही नहीं रहा था। किसी तरह मुठ मारते रात काट ली और सुबह काफी देर तक सोता रहा। जब उठा तब मेरी बीवी नाश्ता बना रही थी।
loading...
मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली- लगता है कि काफी निश्चिंत होकर रात में सोये हैं जनाब ! मेरा नाराजगी भरा चेहरा देख कर और कुछ न बोल कर चाय का प्याला मेरी तरफ बढ़ा दिया। मैं भी कुछ कहे बिना चुपचाप से चाय पीने लगा। दिन भर सभी अपने अपने काम में लग गए, मैं भी अपने ब्रोकिंग एजेंसी को देखने चला।
दिन भर तो काम में लगा रहा, शाम को घर आने पर चाय और नाश्ता देकर बीवी फिर दीदी के पास जाकर बैठ गई जो मेरे ही सामने के कुर्सी पर बैठी नाश्ता ले रही थी। अब मैंने थोड़ा ध्यान दीदी की तरफ दिया, सोचने लगा- क्या दीदी आज भी मेरे ही कमरे में सोयेंगी? और बातों बातों में पता लगा कि वे आज भी नहीं जान छोड़ने वाली !
फिर वही कहानी पिछली रात वाली ! मुझे आज फिर अकेले दूसरे कमरे में सोना था ! पर आज मुझे दीदी पर बहुत गुस्सा आ रहा था और बकबकाते हुएमैं बाहर आ गया। पिछली पूरी रात खराब कर के रख दी थी ! रात होते ही मेरा मुठ मारना शुरु हो गया और आज न जाने कैसे रात कट गई, पता नहीं कब नींद लग गई ! सुबह जगा तो पूरे सात बज रहे थे।
मैंने सोच रखा था चाहे कुछ भी हो आज रात आरती को (मेरी बीवी) नहीं छोड़ना है, या तो मेरे कमरे में या रसोई में, कहीं भी चुदाई होगी तो होगी ! जैसे ही दीदी ने नहाने के लिए स्नान घर में प्रवेश किया, मैं मौका देख कर रसोई में घुस गया और पीछे से आरती को पकड़ उसके बोबे मसलते हुए चूतड़ों की फांकों में अपने फनफनाये लंड का दबाब डालते हुए गालों को जोर से चूमलिया तो आरती बोली- कोई देख लेगा ! क्या करते हो?
दो रातों में ही अकडू महराज पायजा मे से बाहर हो रहे हैं, अगर दो रातें और बिता ली तो पायजा मे से निकल किसी बिल में ही घुस जायेंगे तो ढूंढना मुश्किल हो जायेगा ! मैंने कहा- देखो आरती, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा ! आज रात कुछ करो यार ! यह दीदी अपने तो अकेली रहने की सजा कट रही हैं, साथ में हमें भी मार रही हैं ! या तो तुम मेरे कमरे में आ जाना या रात को यहीं रसोई में ही चुदाई करेंगे !
आरती भी थोड़ी उत्तेजित हो चुकी थी, वह बोली- नहीं, रसोई में ठीक नहीं होगा ! मैं तुम्हारे कमरे में भी नहीं आ सकती क्योंकि दीदी सोचेगी कि दो रात में जवानी काबू में ना रही जो मराने चली गई। मैं बोला- तो मैं मुठ मार कर सोता रहूँ? “नहीं जी !
मैंने ऐसा कब कहा? अगर यह समस्या सदा के लिए टालनी है तो हम अपने कमरे में ही करेंगे। अगर दीदी जाग गई तो शरमा कर कल से नहीं सोयेंगी और ना जगी तो रोज ऐसे ही चलेगा !” आरती का जबाब सुन कर मैंने कहा- पर इसमें तो दीदी के जागने का ज्यादा चांस है, जागने पर क्या सोचेंगी? आरती ने कहा- मैं तो चाहती हूँ कि रात को दीदी जग जाये जिससे कल से यह समस्या ख़त्म हो जाये ! समझे बुद्धू ?
मैं समझने की कोशिश करता हुआ काम बनता देख ज्यादा ना पूछा पर जानना चाहा- पर रात में मैं तुझे पहचानूँगा कैसे? वह बोली- मैं बेड के इसी किनारे सोऊंगी और दरवाजा खुला रखूंगी ! तुम धीरे से आ जाना बस ! मैं कुछ और पूछता, इससे पहले दीदी नहाकर निकलने जा रही थी।
तो मैं धीरे से निकल चला और रात के इंतजार में जल्दी से तैयार हो कर अपने काम पर चल दिया। और आज तो तिसरी रात होने के कारण उसमें और खूबसूरती आ गई है। अब मुझे केवल रात का इन्तजार था। आखिर शाम हुई, फिर रात हुई और सबने खाना खाकर अपने अपने बिछावन को पकड़ लिया पर दीदी मेरे ही कमरे में डेरा जमाये हुए थी।
इन्तजार करते करते लगभग रात के ग्यारह बज चुके थे। सम्पूर्ण अंधेरा था क्योंकि बिजली भी नहीं थी, मकान में एकदम सन्नाटा छाया था, माँ के कमरे से खर्राटों की आवाज आ रही थी। सुनने में ऐसा लगा कि वह गहरी नींद में होगी। मैंने निश्चिन्त होने के लिये पांच मिनट का इन्तजार किया।
अब लगभग अपने कमरे के पास पहुँच मैंने अपना दायां हाथ इस प्रकार से दरवाजे के तरफ़ बढ़ाया कि कोई हलचल न होने पाये। और कमरे के अन्दर अपने बेड केपास आकर देखने की कोशिश करने लगा पर कुछ साफ न दिखने से अन्दाजा लगाया कि आरती ने कहा था कि वह बेड के इसी तरफ़ सोयेगी।
आज पहली बार मुझे अपने ही घर में अपने कमरे में चोरों की तरह घुसना पड़ रहा था। धड़कते दिल से मैं बिछावन के पास पहुँचा और मध्यम रौशनी के सहारे इस तरफ़ की आकृति को छुआ। मेरा हाथ उसके चूतड़ पर लगा। फिर कुछ देर रुक कर मैंने अपना हाथ आगे पेट की ओर बढ़ाते हुए आहिस्ता से उसके उन्नत-शिखरों की ओर खिसका दिया। मेरे हाथ का पंजा उसके स्तनों के पास पहुँच कर पूरे पंजे से उसके बोबे दबाने लगा।
अब मैंने उसके खुले गले के ब्लाऊज़ के गले के अंदर हाथ डाला तो मेरा पहला स्पर्श उसकी सिल्की ब्रा का हुआ, पर इससे तो मुझे सन्तुष्टि नहीं हुई। फिर मैंने आहिस्ता से अपना हाथ उसके स्तनों के बीच की घाटी में प्रविष्ट करा दिया और आहिस्ता आहिस्ता उसके दोनों स्तनों पर अपने हाथ घुमाने लगा। मैं उसकी दूध की दोनों डोडियों से खेलने लगा।
अब मेरे दिमाग ने काम करना बिल्कुल बंद कर दिया। मैं बिल्कुल कामातुर हो चुका था, मैं यह भूल चुका था कियदि दीदी ने जागकर देख लिया तो पता नहीं क्या सोचने लगेगी ! अब मैं आरती के स्तनों के साथ उसकी चूत को भी मसलना चाहता था। 
मैंने आहिस्ता से उसका साया खोल कर उसकी मखमली पैंटी पर हाथ रख दिया और कोई प्रतिक्रिया न देखकर फिर अंदर चूत को सहलाने के लिये हाथ बढ़ाया तो मेरा हाथ उसके दाने से टकराया। बिल्कुल छोटी मखमली झांटों को सहलाने का लुत्फ उठाने लगा। अब लगा मेरे दोनों हाथों में जन्नत है, मेरा बायां हाथ तो उसके वक्षों से खेल रहा था और दायां हाथ उसके वस्ति-क्षेत्र का भ्रमण कर रहा था।
अब मुझे यह तो सुनिश्चित हो चुका था कि वह नींद में नहीं है तो मैं हौले से उसके भग्नासा के दाने को सहालाकर उत्तेजित करने की कोशिश करने लगा। पर वह भी आँखें मींचकर पड़ी हुई थी। मैंने सोचा कि अब यह गर्म है तो समय भी तो तेजी खिसका जा रहा है, इसके लिये दूसरा उपाय करना होगा। इधर उसके सिर के तरफ़ मैंने लण्ड का रुख करके उसके मुँह के ऊपर रखा था तो मेरा लण्ड मुँह खोलकर चूसने लगी।
अब मैंने अपनी लुन्गी खोलकर कमर से हटाते हुए उसके मुँह से पूरा सटा दिया, उसमें से चिपचिपाहट भी निकल रही थी जो उसके होंठों को गीलाकर रही थी। अब दोबारा मैंने अपने दोनों हाथों को व्यस्त रखते हुए उसकी चूत में अपनी उंगली प्रविष्ट कराई तो देखा वहाँ गीला-गीला सा था, मतलब वह गर्म हो चुकी थी।
स्तन मर्दन के साथ जैसे ही मैंने उंगली चूत में अंदर-बाहर करनी शुरु की तो आरती छटपटाने लगी और उसने अपनी नींद का नाटक छोड़ा और मेरी तरफ करवट बदलकर मेरे चूतड़ों पर हाथ फिराने के बाद उसे लण्ड अपने मुँह में तेजी से चूसना शुरु कर लिया। मैं तो अपने होशोहवास खो चुका था, वह भी पागलों की तरह लण्ड मुँह में अंदर-बाहर कर रही थी। उधर मैं भी उसे अपने दोनों हाथों से बराबर उसे उत्तेजित कर रहा था।
मैंने कमरे में अपने बगल की तरफ देखा, दीदी आराम से सोई हुई थी और सम्पूर्ण अंधेरा था, तो कोई डर नहीं थाकि देख लेंगी। हम दोनों किसी भी किस्म की आवाज नहीं निकाल रहे थे क्योंकि दीदी जाग सकती थी। अब आरती की लगातार मेहनत के कारण दस मिनट में ही मेरा लण्ड स्खलित होने की कगार पर पहुँच गया, तो मैंने उसे हाथ के इशारे से समझाने की कोशिश की पर उसने इस पर ध्यान नहीं दिया।
तो मैं भी क्या करता, मैंने भी वीर्य का फव्वारा उसके मुँह में छोड़ दिया। उसने भी हिम्मत दिखाते हुए पूरा का पूरा गटक लिया। अब मैं तो खाली हो गया किन्तु उसकी उत्तेजना शांत नहीं हुई थी, वह मेरे निर्जीव पड़े लण्ड को खड़ा करने की कोशिश करने लगी। मात्र पाँच मिनट में ही हम दोनों सफल हो गये।
मेरा लण्ड फिर कड़क होकर फुंफकारने लगा। फिर एक दूसरे के शरीर को चूमने-सहलाने लगे। अब हम दोनों पागलॉ की तरह लिपट गये और एक दूसरे के शरीर को टटोल कर आनंद लेने लग गये। अब मैंने उसकी चोली खोल दी और पैंटी भी उतार दी, उसके तन व मेरे बीच में कोई नहीं था। मैं अब बेड पर बैठ गया, वह मेरी गोद में दोनों टांगों को बीच में लेकर अपने टाँगों को मोड़ कर इस प्रकार बैठी कि उसकी चूत मेरे लण्ड को स्पर्श करने लगी।
वह मेरे सीने को हाथ से सहला रही थी, नीचे चुदाई चालू थी, वह भी हिलकर अपने शरीर को ऊपर नीचे होकर पूर्ण सहयोग कर रही थी। फिर मैं बारी बारी से उसके दोनों स्तनों पर अपनी जीभ फिराने लगा। उसके बाद मैंने उसकी गर्दन की दोनों तरफ कामुकता बढ़ाने वाली नस के साथ उसके कान की लोम व आँखों की भोहों पर भी अपनी जीभ फिराई। वह मदमस्त होकर पागल हो उठी।
दोनों की सांसें एक दूसरे में विलीन हो रही थी। यदि हम किसी एकान्त कमरे में होते तो पागलपन में न जाने कितनी आवाजें निकालते। पर जगह और समय का ध्यान रखते हुए बिल्कुल खामोश रहने की कोशिश करते रहे। अब इस मदहोश करने वाली अनवरत चुदाई को लगभग आधा घण्टा हो चुका था।
अब एक ही आसन में चोदते हुए थकान होने लगी थी। तभी आरती ने मुझसे गति बढ़ाने का इशारा दिया और कुछ ही क्षण में हांफते हुए वह चरमसीमा पर पहुँच गई। फिर वह पस्त होकर ढीली पड़ कर लेट गई। मैं तो अभी तक भरा बैठा था, मैंने कुछ समय रुककर इशारा किया कि अब मैं भी पिचकारी छोड़ना चाहता हूँ तोउसने इशारे से कहा- रुको ! वह खड़ी हुई और बेड पर हाथ रख और सिर झुकाकर खड़ी हो गई।
मैंने भी पीछे से उसकी चूत में लण्ड पेल दिया और अपने दोनों हाथों से उसके उन्नत स्तनों को मसलते हुए उसे चोदने लगा। फिर जन्नत की यात्रा शुरु हुई। फिर मदमस्त होकर वह भी आगे पीछे होकर मुझे सहयोग देने लगी। हम दोनों ने अपनी गति और बढ़ा दी और लगभग दस मिनट बाद मेरी पिचकारी छुट गई, हम दोनों पस्त हो गये।
वह कुछ समय रुक कर सफाई करने बाथरुम मे जाकर वापिस अपनी बिछावन पर आ गई। भगवान कालाख-लाख शुक्र था कि दीदी अब तक सोई हुई थी और उनको इस चुदाई के बारे में शक भी नहीं हुआ।
अब मैं अपने कमरे मे आकर आराम से सो गया आज सुबह मेरा मन काफ़ी खुश था मैंने रसोई में बीवी को जब अकेले देखा तब उसके पास जाकर पीछे से बाहों मे भर चूमना शुरु कर दिया। आरती मुझे मनाने के लिये मेरे बालों मे उंगली फिराते बोली- सॉरी जी ! मैं रात में सो गई पर आप भी नहीं आए?
मेरे कान में इतना पड़ना था कि मेरे दिमाग ने काम करना बन्द कर दिया। तो क्या मेरे साथ रात में दीदी थी, अब मैं समझ गया ! यह घटना मेरे मन-मस्तिष्क पर एक चलचित्र की तरह स्पष्ट चल रही थी। हालांकि मैं भ्रम में रह गया लेकिन जब जान ही गया तो दोनों की तुलना करने लगा तो पाया कि वाकई में आरती से ज्यादा मजा तो दीदी को चोदने में आया !
अब वह अलग कमरे में भी सो कर मुझसे हर दो दिन बाद चुदती है, नैहर (मेरे घर) अब अकसर आती है मेरे साथ चुदाई के लिये और फिर उसके पास मैं भी अक्सर जाने लगा हूँ। वह आज भी मेरी बहुत अच्छी दोस्त है। आरती आज तक न जान पाई और ना मैंने उसे बताया। वह भी एक अद्वितीय अनुभव था।

13 comments :

  1. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  2. Jis kisi bhi girl ya aunty ya bhabhi ko mere sath chudaai krni h to msg me.7830086070 ya call me 8755572086

    ReplyDelete
  3. Chudvane ke liye email kare shivamkymar4202021@gmail.com

    ReplyDelete
  4. Aditya my 9559001707 agar bahan ko chodne ki trening lena ho to whatsapp pe massage

    ReplyDelete
    Replies
    1. यस मुझे लेनी है बहन की च**** की ट्रेनिंग मोबाइल नंबर 6387818332 प्लीज रिप्लाई करें

      Delete
  5. Very sexy story, if any women want sex plz call me 7905191399

    ReplyDelete

  6. COLL NOW 09818592392call COLL BOY PLAY BOY SEX SERVICE GIGOLO इस में बड़े घरानों की महिलाएं अपने साथ सेक्स करने के लिए युवा लड़कों को पैसे देती है उसे जिगोलो कहते हैं इन लड़कों से सेवाएं लेने वाली महिलाएं अमीर अय्याश महिलाएं भी बड़े घरानों की होती है जो एक बार के 16000 से 26000 हजार रुपए देती है अगर आप भी जिगोलो बन कर पैसे कमाना चाहते हैं तो जल्द ही हम से संपर्क करें COLL NOW 09818592392call COLL BOY PLAY BOY SEX SERVICE महिलाओं की उम्र 20 से 45 वर्ष SEX SERVICE समय एक सप्ताह में दो से तीन लड़कियों या महिलाओं को SEX SERVICE देना होता है माश्र दो से तीन घंटे स्थान आप के शहर से 50 से 100 किलोमीटर के आस पास बड़े शहरों में फाइफ स्टार होटल या उनके बंगले पर अब डरने और शरमाने का समय नहीं है अब MALE और FEMALE हर एक मीटिंग में 16000 से 26000 कमाओं और अपनी जिंदगी के हर एक पल का मजा लो HIGH SOCIETY के लड़के और लड़कियों के साथ आप के आप ने ही CITY में आज ही ज्वाइन होने के लिए काल करें COLL NOW 09818592392call COLL BOY PLAY BOY SEX SERVICE दोस्तों फेसबुक पर आप को कोई हाउसवाइफ सीधा संपर्क नहीं करेंगी वो सुरक्षा चाहतीं हैं प्राइवेसी चाहतीं हैं इसलिए वो कंपनियों के जरिए मिलेगी SEX SERVICE में आप को अमीर घरों की लड़कियों महिलाओं के साथ दोस्ती SEX सम्बंध बना कर उन्हें खुश करना होता है यह वह महिलाएं होती हैं जिनके HUSBAND अक्सर उनसे दूर रहते हैं इसीलिए उन्हें अपनी शारीरिक जरूरत पूरी करने के लिए GIGOLO COLL BOY PLAY BOY की आवश्यकता होती है वह GIGOLO COLL BOY PLAY BOY को इसीलिए बुलाती है क्यों की वह वदनामी के डर से आस पड़ोस में सम्बंध नहीं बनाती है इसीलिए वह GIGOLO COLL BOY PLAY BOY को बुलाती है क्यों कि GIGOLO COLL BOY PLAY BOY उन को नहीं जानते है और ना ही उन का घर क्यों कि मीटिंग होटल में होती है GIGOLO COLL BOY PLAY BOY SERVICE में मिलने वाला वेतन आप को एक मीटिंग का 16000 से 26000 रुपये हर मीटिंग का मिलेगा आपको पहली मीटिंग का 25% कमीशन देना होगा और आप को बाकी सभी मीटिंगों का 50% कमीशन मीटिंग के बाद कंपनी को देना होगा आप अपनी इच्छानुसार किसी भी टाइम की मीटिंग लें सकते हैं यह GIGOLO COLL BOY PLAY BOY SEX SERVICE भारत के सभी छोटे बड़े शहरों में उपलब्ध है आप अपनी इच्छानुसार किसी भी शहर में GIGOLO COLL BOY PLAY BOY SEX SERVICE लें सकते हैं जिस दिन आप की रजिस्ट्रेशन SERVICE फीस जमा होगी पहली मीटिंग उसी दिन होगी JOIN होने के लिए नीचे मांगी गई DETAILS WHATSAPP 09818592392call पर भेजे आप को अपना कोई भी एक आई डी देना होगा और एक पासपोर्ट फोटो देना होगा और जिस शहर में SERVICE करना है उस का नाम WHATSAPP करो और आज हमारे साथ हजारों MALE FEMALE काम कर रहे हैं 100% गोपनीय COLL NOW 09818592392call COLL BOY PLAY BOY SEX SERVICE

    ReplyDelete