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लाइट ऑफ थी बीवी को चोदने की जगह दीदी को चोद डाला Light off thi biwi ko chodne ki jagah didi ko chod dala

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मेरी उम्र 23 वर्ष हो रही है। मेरे परिवार में मात्र तीन लोग रहते हैं, मैं, मेरी माँ और मेरी पत्नी ! और हाँ एक और सदस्य आज ही आया जो हमारे ही बीच का है पर आज से ठीक दो साल पहले ही उसकी शादी हो चुकी है, जो अपने ससुराल में रहती है, वह है मेरी दीदी ! जिसके पति तीन दिन पहले अरब देश जा चुके हैं, जिसके चलते वह हमारे यहाँ रहने आ गई है।
पर आते ही मेरे कमरे और मेरी बीवी पर पहला अधिकार जमा लिया। सबकी दुलारी होने से कोई कुछ नहीं मना करता और किसी काम को करने से नहीं रोकता है। माँ की दुलारी तथा मेरी भी बड़ी दीदी होकर भी साथ साथ पले बढ़े हैं क्योंकि मुझसे मात्र दो साल ही बड़ी है।
हम लोग उनकी सेवा में लगे हुए थे और देखते देखते शाम, फिर रात भी हो गई, परन्तु दीदी मेरे कमरे में जमी रही। अंत में मुझे दूसरे कमरे में यह सोच कर सोना पड़ा कि शायद आज ही आई है तो सो गई, कल से दूसरे कमरे में सोयेंगी। दूसरे कमरे में आकर मैंने सोने की कोशिश की मगर नींद नहीं आई तो टी.वी. चला लिया। शनिवार होने से चैनल बदलते हुए मेरा हाथ रैन टी.वी. पर रुक गया जहाँ गर्म फिल्म आ रही थी।
अब तो मेरी नींद भी जाती रही, एक तो बीवी से डेढ़ साल में पहली बार रात में अलग सोना, उस पर से रैन टी.वी. का कहर ! मुठ मारते पूरी रात काटनी पड़ी पर मन टी.वी. बिना देखे मान ही नहीं रहा था। किसी तरह मुठ मारते रात काट ली और सुबह काफी देर तक सोता रहा। जब उठा तब मेरी बीवी नाश्ता बना रही थी।
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मुझे देख कर मुस्कुराते हुए बोली- लगता है कि काफी निश्चिंत होकर रात में सोये हैं जनाब ! मेरा नाराजगी भरा चेहरा देख कर और कुछ न बोल कर चाय का प्याला मेरी तरफ बढ़ा दिया। मैं भी कुछ कहे बिना चुपचाप से चाय पीने लगा। दिन भर सभी अपने अपने काम में लग गए, मैं भी अपने ब्रोकिंग एजेंसी को देखने चला।
दिन भर तो काम में लगा रहा, शाम को घर आने पर चाय और नाश्ता देकर बीवी फिर दीदी के पास जाकर बैठ गई जो मेरे ही सामने के कुर्सी पर बैठी नाश्ता ले रही थी। अब मैंने थोड़ा ध्यान दीदी की तरफ दिया, सोचने लगा- क्या दीदी आज भी मेरे ही कमरे में सोयेंगी? और बातों बातों में पता लगा कि वे आज भी नहीं जान छोड़ने वाली !
फिर वही कहानी पिछली रात वाली ! मुझे आज फिर अकेले दूसरे कमरे में सोना था ! पर आज मुझे दीदी पर बहुत गुस्सा आ रहा था और बकबकाते हुएमैं बाहर आ गया। पिछली पूरी रात खराब कर के रख दी थी ! रात होते ही मेरा मुठ मारना शुरु हो गया और आज न जाने कैसे रात कट गई, पता नहीं कब नींद लग गई ! सुबह जगा तो पूरे सात बज रहे थे।
मैंने सोच रखा था चाहे कुछ भी हो आज रात आरती को (मेरी बीवी) नहीं छोड़ना है, या तो मेरे कमरे में या रसोई में, कहीं भी चुदाई होगी तो होगी ! जैसे ही दीदी ने नहाने के लिए स्नान घर में प्रवेश किया, मैं मौका देख कर रसोई में घुस गया और पीछे से आरती को पकड़ उसके बोबे मसलते हुए चूतड़ों की फांकों में अपने फनफनाये लंड का दबाब डालते हुए गालों को जोर से चूमलिया तो आरती बोली- कोई देख लेगा ! क्या करते हो?
दो रातों में ही अकडू महराज पायजा मे से बाहर हो रहे हैं, अगर दो रातें और बिता ली तो पायजा मे से निकल किसी बिल में ही घुस जायेंगे तो ढूंढना मुश्किल हो जायेगा ! मैंने कहा- देखो आरती, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा ! आज रात कुछ करो यार ! यह दीदी अपने तो अकेली रहने की सजा कट रही हैं, साथ में हमें भी मार रही हैं ! या तो तुम मेरे कमरे में आ जाना या रात को यहीं रसोई में ही चुदाई करेंगे !
आरती भी थोड़ी उत्तेजित हो चुकी थी, वह बोली- नहीं, रसोई में ठीक नहीं होगा ! मैं तुम्हारे कमरे में भी नहीं आ सकती क्योंकि दीदी सोचेगी कि दो रात में जवानी काबू में ना रही जो मराने चली गई। मैं बोला- तो मैं मुठ मार कर सोता रहूँ? “नहीं जी !
मैंने ऐसा कब कहा? अगर यह समस्या सदा के लिए टालनी है तो हम अपने कमरे में ही करेंगे। अगर दीदी जाग गई तो शरमा कर कल से नहीं सोयेंगी और ना जगी तो रोज ऐसे ही चलेगा !” आरती का जबाब सुन कर मैंने कहा- पर इसमें तो दीदी के जागने का ज्यादा चांस है, जागने पर क्या सोचेंगी? आरती ने कहा- मैं तो चाहती हूँ कि रात को दीदी जग जाये जिससे कल से यह समस्या ख़त्म हो जाये ! समझे बुद्धू ?
मैं समझने की कोशिश करता हुआ काम बनता देख ज्यादा ना पूछा पर जानना चाहा- पर रात में मैं तुझे पहचानूँगा कैसे? वह बोली- मैं बेड के इसी किनारे सोऊंगी और दरवाजा खुला रखूंगी ! तुम धीरे से आ जाना बस ! मैं कुछ और पूछता, इससे पहले दीदी नहाकर निकलने जा रही थी।
तो मैं धीरे से निकल चला और रात के इंतजार में जल्दी से तैयार हो कर अपने काम पर चल दिया। और आज तो तिसरी रात होने के कारण उसमें और खूबसूरती आ गई है। अब मुझे केवल रात का इन्तजार था। आखिर शाम हुई, फिर रात हुई और सबने खाना खाकर अपने अपने बिछावन को पकड़ लिया पर दीदी मेरे ही कमरे में डेरा जमाये हुए थी।
इन्तजार करते करते लगभग रात के ग्यारह बज चुके थे। सम्पूर्ण अंधेरा था क्योंकि बिजली भी नहीं थी, मकान में एकदम सन्नाटा छाया था, माँ के कमरे से खर्राटों की आवाज आ रही थी। सुनने में ऐसा लगा कि वह गहरी नींद में होगी। मैंने निश्चिन्त होने के लिये पांच मिनट का इन्तजार किया।
अब लगभग अपने कमरे के पास पहुँच मैंने अपना दायां हाथ इस प्रकार से दरवाजे के तरफ़ बढ़ाया कि कोई हलचल न होने पाये। और कमरे के अन्दर अपने बेड केपास आकर देखने की कोशिश करने लगा पर कुछ साफ न दिखने से अन्दाजा लगाया कि आरती ने कहा था कि वह बेड के इसी तरफ़ सोयेगी।
आज पहली बार मुझे अपने ही घर में अपने कमरे में चोरों की तरह घुसना पड़ रहा था। धड़कते दिल से मैं बिछावन के पास पहुँचा और मध्यम रौशनी के सहारे इस तरफ़ की आकृति को छुआ। मेरा हाथ उसके चूतड़ पर लगा। फिर कुछ देर रुक कर मैंने अपना हाथ आगे पेट की ओर बढ़ाते हुए आहिस्ता से उसके उन्नत-शिखरों की ओर खिसका दिया। मेरे हाथ का पंजा उसके स्तनों के पास पहुँच कर पूरे पंजे से उसके बोबे दबाने लगा।
अब मैंने उसके खुले गले के ब्लाऊज़ के गले के अंदर हाथ डाला तो मेरा पहला स्पर्श उसकी सिल्की ब्रा का हुआ, पर इससे तो मुझे सन्तुष्टि नहीं हुई। फिर मैंने आहिस्ता से अपना हाथ उसके स्तनों के बीच की घाटी में प्रविष्ट करा दिया और आहिस्ता आहिस्ता उसके दोनों स्तनों पर अपने हाथ घुमाने लगा। मैं उसकी दूध की दोनों डोडियों से खेलने लगा।
अब मेरे दिमाग ने काम करना बिल्कुल बंद कर दिया। मैं बिल्कुल कामातुर हो चुका था, मैं यह भूल चुका था कियदि दीदी ने जागकर देख लिया तो पता नहीं क्या सोचने लगेगी ! अब मैं आरती के स्तनों के साथ उसकी चूत को भी मसलना चाहता था। 
मैंने आहिस्ता से उसका साया खोल कर उसकी मखमली पैंटी पर हाथ रख दिया और कोई प्रतिक्रिया न देखकर फिर अंदर चूत को सहलाने के लिये हाथ बढ़ाया तो मेरा हाथ उसके दाने से टकराया। बिल्कुल छोटी मखमली झांटों को सहलाने का लुत्फ उठाने लगा। अब लगा मेरे दोनों हाथों में जन्नत है, मेरा बायां हाथ तो उसके वक्षों से खेल रहा था और दायां हाथ उसके वस्ति-क्षेत्र का भ्रमण कर रहा था।
अब मुझे यह तो सुनिश्चित हो चुका था कि वह नींद में नहीं है तो मैं हौले से उसके भग्नासा के दाने को सहालाकर उत्तेजित करने की कोशिश करने लगा। पर वह भी आँखें मींचकर पड़ी हुई थी। मैंने सोचा कि अब यह गर्म है तो समय भी तो तेजी खिसका जा रहा है, इसके लिये दूसरा उपाय करना होगा। इधर उसके सिर के तरफ़ मैंने लण्ड का रुख करके उसके मुँह के ऊपर रखा था तो मेरा लण्ड मुँह खोलकर चूसने लगी।
अब मैंने अपनी लुन्गी खोलकर कमर से हटाते हुए उसके मुँह से पूरा सटा दिया, उसमें से चिपचिपाहट भी निकल रही थी जो उसके होंठों को गीलाकर रही थी। अब दोबारा मैंने अपने दोनों हाथों को व्यस्त रखते हुए उसकी चूत में अपनी उंगली प्रविष्ट कराई तो देखा वहाँ गीला-गीला सा था, मतलब वह गर्म हो चुकी थी।
स्तन मर्दन के साथ जैसे ही मैंने उंगली चूत में अंदर-बाहर करनी शुरु की तो आरती छटपटाने लगी और उसने अपनी नींद का नाटक छोड़ा और मेरी तरफ करवट बदलकर मेरे चूतड़ों पर हाथ फिराने के बाद उसे लण्ड अपने मुँह में तेजी से चूसना शुरु कर लिया। मैं तो अपने होशोहवास खो चुका था, वह भी पागलों की तरह लण्ड मुँह में अंदर-बाहर कर रही थी। उधर मैं भी उसे अपने दोनों हाथों से बराबर उसे उत्तेजित कर रहा था।
मैंने कमरे में अपने बगल की तरफ देखा, दीदी आराम से सोई हुई थी और सम्पूर्ण अंधेरा था, तो कोई डर नहीं थाकि देख लेंगी। हम दोनों किसी भी किस्म की आवाज नहीं निकाल रहे थे क्योंकि दीदी जाग सकती थी। अब आरती की लगातार मेहनत के कारण दस मिनट में ही मेरा लण्ड स्खलित होने की कगार पर पहुँच गया, तो मैंने उसे हाथ के इशारे से समझाने की कोशिश की पर उसने इस पर ध्यान नहीं दिया।
तो मैं भी क्या करता, मैंने भी वीर्य का फव्वारा उसके मुँह में छोड़ दिया। उसने भी हिम्मत दिखाते हुए पूरा का पूरा गटक लिया। अब मैं तो खाली हो गया किन्तु उसकी उत्तेजना शांत नहीं हुई थी, वह मेरे निर्जीव पड़े लण्ड को खड़ा करने की कोशिश करने लगी। मात्र पाँच मिनट में ही हम दोनों सफल हो गये।
मेरा लण्ड फिर कड़क होकर फुंफकारने लगा। फिर एक दूसरे के शरीर को चूमने-सहलाने लगे। अब हम दोनों पागलॉ की तरह लिपट गये और एक दूसरे के शरीर को टटोल कर आनंद लेने लग गये। अब मैंने उसकी चोली खोल दी और पैंटी भी उतार दी, उसके तन व मेरे बीच में कोई नहीं था। मैं अब बेड पर बैठ गया, वह मेरी गोद में दोनों टांगों को बीच में लेकर अपने टाँगों को मोड़ कर इस प्रकार बैठी कि उसकी चूत मेरे लण्ड को स्पर्श करने लगी।
वह मेरे सीने को हाथ से सहला रही थी, नीचे चुदाई चालू थी, वह भी हिलकर अपने शरीर को ऊपर नीचे होकर पूर्ण सहयोग कर रही थी। फिर मैं बारी बारी से उसके दोनों स्तनों पर अपनी जीभ फिराने लगा। उसके बाद मैंने उसकी गर्दन की दोनों तरफ कामुकता बढ़ाने वाली नस के साथ उसके कान की लोम व आँखों की भोहों पर भी अपनी जीभ फिराई। वह मदमस्त होकर पागल हो उठी।
दोनों की सांसें एक दूसरे में विलीन हो रही थी। यदि हम किसी एकान्त कमरे में होते तो पागलपन में न जाने कितनी आवाजें निकालते। पर जगह और समय का ध्यान रखते हुए बिल्कुल खामोश रहने की कोशिश करते रहे। अब इस मदहोश करने वाली अनवरत चुदाई को लगभग आधा घण्टा हो चुका था।
अब एक ही आसन में चोदते हुए थकान होने लगी थी। तभी आरती ने मुझसे गति बढ़ाने का इशारा दिया और कुछ ही क्षण में हांफते हुए वह चरमसीमा पर पहुँच गई। फिर वह पस्त होकर ढीली पड़ कर लेट गई। मैं तो अभी तक भरा बैठा था, मैंने कुछ समय रुककर इशारा किया कि अब मैं भी पिचकारी छोड़ना चाहता हूँ तोउसने इशारे से कहा- रुको ! वह खड़ी हुई और बेड पर हाथ रख और सिर झुकाकर खड़ी हो गई।
मैंने भी पीछे से उसकी चूत में लण्ड पेल दिया और अपने दोनों हाथों से उसके उन्नत स्तनों को मसलते हुए उसे चोदने लगा। फिर जन्नत की यात्रा शुरु हुई। फिर मदमस्त होकर वह भी आगे पीछे होकर मुझे सहयोग देने लगी। हम दोनों ने अपनी गति और बढ़ा दी और लगभग दस मिनट बाद मेरी पिचकारी छुट गई, हम दोनों पस्त हो गये।
वह कुछ समय रुक कर सफाई करने बाथरुम मे जाकर वापिस अपनी बिछावन पर आ गई। भगवान कालाख-लाख शुक्र था कि दीदी अब तक सोई हुई थी और उनको इस चुदाई के बारे में शक भी नहीं हुआ।
अब मैं अपने कमरे मे आकर आराम से सो गया आज सुबह मेरा मन काफ़ी खुश था मैंने रसोई में बीवी को जब अकेले देखा तब उसके पास जाकर पीछे से बाहों मे भर चूमना शुरु कर दिया। आरती मुझे मनाने के लिये मेरे बालों मे उंगली फिराते बोली- सॉरी जी ! मैं रात में सो गई पर आप भी नहीं आए?
मेरे कान में इतना पड़ना था कि मेरे दिमाग ने काम करना बन्द कर दिया। तो क्या मेरे साथ रात में दीदी थी, अब मैं समझ गया ! यह घटना मेरे मन-मस्तिष्क पर एक चलचित्र की तरह स्पष्ट चल रही थी। हालांकि मैं भ्रम में रह गया लेकिन जब जान ही गया तो दोनों की तुलना करने लगा तो पाया कि वाकई में आरती से ज्यादा मजा तो दीदी को चोदने में आया !
अब वह अलग कमरे में भी सो कर मुझसे हर दो दिन बाद चुदती है, नैहर (मेरे घर) अब अकसर आती है मेरे साथ चुदाई के लिये और फिर उसके पास मैं भी अक्सर जाने लगा हूँ। वह आज भी मेरी बहुत अच्छी दोस्त है। आरती आज तक न जान पाई और ना मैंने उसे बताया। वह भी एक अद्वितीय अनुभव था।

लंड का स्वागत चूत खोलकर Lund ka swagat chut kholkar

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पड़ोसन मारवाड़ी भाभी की चूत चुदाई कर दी Padosan marwadi bhabhi ki chut chudai kar di

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हेलो दोस्तों, मेरा नाम ध्रुव हे; यह मेरी पहली सेक्स कहानी है; मैंने अभी तक काफी सेक्स कहानियां पढ़ी है इस साइट; पर और तभी से मुझे मेरी बाजू वाली भाभी को चोदने का मन हो गया, मेरी उम्र २१ साल है.
हुआ यूं कि हमारे घर के यहां एक छोटा सा मार्केट है, जहां सब्जी और कपड़ो की शॉप है; वहां पर शाम को काफी लेडीज आती है खरीदी करने के लिए, मैं भी वहां रोज जाया करता हूं खूबसूरत लड़कियों को देखने के लिए.
एक दिन मेरी नजर एक भाभी पर गई, वह भाभी ने पिंक साड़ी पहनी हुई थी, मार्केट में कुछ खरीद रही थी; वह काफी खूबसूरत थी उसने एक स्लीवलेस ब्लाउज पहना था; मैं जब उसे पहले टाइम देखा तो उसे देखता ही रह गया, उसका फिगर काफी मेंटेन था, उसके बाल भी काफी घने थे; और जो उसके चेहरे पर आते थे.
वह उसे हमेशा पीछे करती थी; और उसके बूब्स और गांड ओह माय गॉड; मेरी नजर उस पर ही थी; उसने उसकी काफी चीजें खरीदी और उसके घर की ओर जाने लगी, मैंने सोचा के घर का पता कर लूं; तो मैंने उस दिन उसका पीछा कर लिया, तो पता चला कि वह बाजू वाले मकान में रहती है और उनका सरनेम जैन था.
तो मैं रोज मार्केट में उनका इंतजार करने लगा, ऐसे ही एक दिन आया, मैं सोचा कि आज कुछ करते हैं; मार्केट में आने के बाद में उसे घुर रहा था वह जहां जाती उसके पीछे पीछे चला जाता, मुझे बस उसका अटेंशन चाहिए था; काफी देर बाद मैंने वह बना लिया और उसके बाद में उस जगह से चला गया, और दूर जा कर उस पर ध्यान दिया; वह कुछ आसपास देख रही थी मुझे समझ में आया कि मेरा काम अब हो गया है; मैंने अगले दिन ऐसा ही किया; उस दिन वह कुछ सब्जियां ले रही थी सब्जी लेने के बाद वह उसके घर की और निकली, मैंने उसका पीछा करना शुरू किया, कुछ टाइम बाद उस ने उसके हाथों में जो भी सामान की बैग थे वह नीचे रख दिया और इधर उधर देखने लगी.
मैंने उसकी तरफ देखा और पूछा क्या हुआ? उसने कहा कुछ नहीं; क्या आप मेरी मदद करोगी? मुझे यह बैग मेरे घर तक लेकर जानी है, मेरा घर यहीं पास में है; उसने ऐसा कहते ही मुझे पता चला कि इसे भी कुछ चाहिए, लेकिन कंफर्म नहीं था; मैंने भी एक रिस्पॉन्सिबल पर्सन की तरह बिहेव करते हुए उसे हां जरूर कहा, उसके घर छोड़ दिया उसने मुझे थैंक्यू कहा और मुझे पानी के लिए पूछा.
मैंने हां कहा काफी प्यास लगी है, उसने मुझे अंदर आने के लिए कहा; मैं काफी खुश हो गया, अंदर कोई और औरत आई और उसने मुझे पानी दिया; वह उनकी काम वाली थी; उसका टाइम हो गया था वह घर जा रही थी; तभी मैंने सोचा कि कुछ इधर उधर की बातें करनि पड़ेगी अगर कुछ करना है तो; अचानक वह सामने आकर पूछने लगी कि आप क्या करते हो? मैं उसे बताया कि मैं स्टडी करता हूं, यहां मेरे फ्रेंड के साथ रहता हूं; मैंने उसे उसकी फैमिली के बारे में पूछा, उसके पति का बिजनेस है पुणे में; और उसे एक लड़का है ४ साल का.
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उसने मुझे चाय के लिए पूछा और मैंने तुरंत हां कर दिया, जब वह किचन की ओर जा रही थी तब पीछे से काफी सेक्सी लग रही थी; वह डीप कट ब्लाउज साड़ी और ब्लाउज के बीच में गैप और उसकी गांड मस्त उछलते चल रही थी; २ मिनट के बाद वह आई हमने चाय पी और इधर उधर की बातें की; थोड़ी देर हमने एक दूसरे के नंबर एक्सचेंज कर लिए, अपना नंबर दिया और कॉल करने के लिए कहा, उसने उसी टाइम मेरा नंबर डायल किया और कंफर्म कर लिया; मैं तो खुश हो गया क्योंकि उसका नंबर भी मेरे पास आ गया है.
कुछ हफ्ते बाद संडे के दिन मैंने सोचा कि आज कॉल करते हैं, मैंने उसे इधर-उधर की बातें करना शुरु किया और उसके साथ जोक करने लगा उसे हंसाने लगा, कई बार उसने मेरी तारीफ की; मैं समझ गया कि वह भी मुझे चाहती है, ऐसे ही हम  कभी वॉइस कॉल पर बात करने लगे, यह सिलसिला दो महीने तक चला.
एक दिन जब मैं मार्केट में घूम रहा था, तो मुझे वह अचानक दिखाई दी, वह लाल कलर साड़ी में काफी सेक्सी लग रही थी, जी कर रहा था वही जाकर उसकी गांड जोर से दबा दूं; मैं उसे देख ही रहा था तो वह मेरे सामने आई, और मुझे देख कर स्माइल कर के बोली, कहां जा रहे हो? मैंने कहा कुछ नहीं यही जा रहा हूं.
वह उसके घर चली गई और मैं अपने घर उसे घर जाने के बाद मैंने उसे मैसेज किया कि आज आप क्या आप के घर पर कुछ इवेंट है क्या? उसने कहा नहीं ऐसा कुछ नहीं है ऐसा क्यों पूछ रहे हो? मैंने कहा आप काफी खूबसूरत लग रही थी आज; वह हंसने लगी और तुरंत उसकी कॉल आई; और हम बातें करने लगे; उसने मुझे कहा कि पति और मेरा बच्चा कल से गाँव गये हैं क्योंकि उसकी सास की तबीयत ठीक नहीं थी.
मुझे कुछ कुछ समझ आ रहा था, मैंने उस दिन रात के ९  बजे उसके घर जाने की सोची; मैंने उसकी डोर बेल बजाई, उसने दरवाजा खोला और मुझे देख के उसके आंख में देखने लायक था; उसने पूछा तुम इस टाइम पर यहां कैसे? मैंने कहा क्यों नहीं आना चाहिए था? सॉरी;; उसने कहा ऐसी बात नहीं, मैं उसके सोफ़ा सेट पर बैठ गया  उसने मुझे पानी ला कर दिया.
और मुझे कहा कि जरा रुको मैं टेरेस पर जाकर आती हूं, सूखे हुए कपड़े लाने के लिए; जो मैं आज भूल गई; ५-१० मिनट हो गए वह नहीं आई, तो मैं टेरेस पर गया वहां कपड़े के टब में रख रही थी, टब वजन की वजह से काफी भारी हो गया था, तो मैंने वह उठाया और नीचे जाने लगा, तो अचानक लाइट चली गई; वह अह्ह्ह कर के हल्के से चिल्लाई, मैंने उसे कहा डोंट वरी मैं हूं. उसने मेरा हाथ पकड़ा और हम उसके होल में आए; अंधेरा होने की वजह से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था; वह टब मेरे हाथ में था तो नीचे रखते समय मैंने उसकी कमर को टच किया;  पीछे मुड़ी बस इतना उसे एहसास हुआ; यह मुझे पता चला; वह फिर से बोली काफी डर लग रहा है, मैंने उसे कहा डरो मत ऐसे कहते मैंने उसे हग किया.
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पहले उसकी टच की वजह से कुछ अजीब लगा; पर उसने मुझे जोर से पकड़ लिया मैंने उसे पूछा कि खाना खा लिया आपने? और उसने मुझे जोर से पकड़ लिया; उसने कहा नहीं मैंने उसे हग किया था; और मेरा लंड उसकी गांड पर जा रहा था; अभी तक मैं समझ गया था कि आज की रात मेरी रात है; वह टाइम काफी सही था; मैंने उसे उठाया और दरवाजे की और उसे लेकर गया; उसने कहा क्या कर रहे हो? मैंने कहा अंधेरे में आपके पैर को कुछ लगेगा इसलिए; और हमने वह हाल का दरवाजा बंद कर दिया, और लाइट आ गई; वह मेरी गोदी से नीचे उतरकर किचन की ओर चली गई; मैं उसके तुरंत पीछे गया और उसको पीछे से पकड़ लिया; उसने कहा सॉरी गलती हो गई; मैंने कहा क्या गलती? वह कुछ नहीं बोली; मैंने तुरंत कहा आई लव यू.
भाभी के चेहरे की स्माइल देख कर पता चल गया; मैं वही उसे किस करने लगा और भाभी के बूब्स दबाने लगा; वह मेरा साथ देने लगी, हम बेडरूम की ओर गए मैंने उसकी ब्रा और पेंटी उतारी; बाद में मैंने भाभी के बूब्स चूसने लगा; थोड़ी देर बाद उसके पूरे शरीर को चूमने लगा; और मैं धीरे धीरे भाभी की चूत के पास गया; भाभी ने क्लीन शेव किया था, भाभी की गुलाबी चूत मुझे बहुत अट्रेक्ट कर रही थी.
बाद में मैंने उसकी चूत को स्पर्श किया, वह मचल उठी; उसकी चूत थोड़ी टाइट थी, लगता था कि उसके पति ने कंप्लीट चोदा नहीं था उसको;; बाद में मैं उसकी चूत चूसने लगा, वह मछली की तरह फडफडाने लगी, उसको बहुत मजा आ रहा था; क्योंकि उसकी चूत उसके पति ने कभी चूसी नही थी; थोड़ी देर चूत चूसने के बाद वह पूरा अकड़ गई और सारा पानी निकाल दिया; बाद में मैंने उसे अपने लंड को मुंह में लेने के लिए बोला, वह मना कर रही थी; क्योंकि उसने पहले नहीं किया था, वह राजी हो गई पर मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था.
थोड़ी देर बाद मेरा निकलने वाला था तो भाभी के मुंह पर डाल दिया, एक दूसरे को साफ किया; वह लंड के लिए तड़प रही थी; वह बोल रही थी कि अब मुझे चोद डालो; मैंने उसकी चूत में एक दो उंगली डाली; तो उसकी चूत थोड़ी टाइट थी; उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने उसको घोड़ी बनाया; और लंड चूत पर सेट किया; हलके मैंने उसको धक्का दिया; आधा लंड जाने के बाद वह चिल्ला रही थी, पूरा लंड उसकी चूत में समा गया; और उसके बूब्स दबाने लगा; बाद में वह साथ देने लगी और चूदाई शुरू हो गई.
वह थोड़ी देर बाद जड़ गई, अब हमने पोजीशन चेंज की और मैं उसके ऊपर आ गया, थोड़ी देर चूदाई के बाद मेरा भी निकलने वाला था, तो उसे पूछा तो उसने बताया कि अंदर ही डाल दो, मैं अब फुल स्पीड में उसकी चूदाई कर रहा था, दो तीन मिनट के बाद मेंने उसकी गरम गरम चूत में अपना सारा माल छोड़ दिया, और उसके ऊपर ही लेट गया; बाद में उसके बूब्स चूसने लगा, फिर हमने एक और राउंड चूदाई कि, वह बहुत ही खुश थी; बाद में हमने शावर लेते हुए एक दूसरे को नहलाया, हमने बहुत चूदाई की, वह मुझे हद से ज्यादा प्यार करने लगी, मैंने उसके साथ हर पोजीशन में सेक्स किया.

माँ को पेशाब करते देखा और चुदाई का प्लान बनाया Maa ko peshab karte dekha or chudai ka plan banaya

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हैलो फ्रेंड्स मेरा नाम रोहन है, आज मैं आप को अपनी माँ के सेक्सी चूत से निकलते पेशाब की story सुनाने जा रहा हू। मेरी माँ का नाम प्रिया गुप्ता है, वो दिखने में बहोत हॉट और सेक्सी है। उसकी उम्र अभी ४३ है, जब मैं छोटा था तब मैंने माँ और पापा को सेक्स करते देखो था और उनकी चुदाई देख कर मैं ज्यादा कुछ समझ नहीं पाया था उस समय मैं बहोत छोटा था, जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया मुझे सेक्स की फीलिंग आने लगी और मैं भी पापा की तरह माँ को चोदने का सपना देखने लगा।
वैसे मैं आप लोगों को बताना भूल गया मेरी फैमिली में मैं मेरी माँ और पापा सिर्फ तीन लोग है, पापा को काम की वजह से ज्यादातर बहार ही रहना पड़ता है और ऐसे में घर पर मैं और मेरी माँ ही होती है। अब मैं सुरु करता हु मेरे और माँ की सेक्स कहानी। पाप काम से कुछ दिनों के लिए बहार गए हुए थे। मुझे कुछ दिन पहले ही पापा ने नया स्मार्टफोन दिलाया था मैं इस पर सेक्स वीडियो देखता और मुट्ठे मरता था।
लेकिन मुट्ठ मार कर मुझे मजा नहीं आता था क्युकी मुझे तो वही पापा मम्मी जैसे चुदाई करनी थी वो मेरा सपना भी था। मैं दिन रात यही सोच कर निकल देता की माँ को कैसे चोदा जाये फिर मैं प्लान बनाया और सुरुवात की माँ को पेशाब करते देखने से, एक दिन माँ जैसे ही पेशाब करने बाथरूम गयी मैं डोर के निचे से देखने लगा माँ बाथरूम की फर्श पर बैठ कर मूत रही थी और उसका मुँह दूसरी तरफ था इसलिए मुझे सिर्फ उसकी गांड दिखी और निचे गिरता हुआ पेशाब का धार।
जिसे देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मैं लन्ड को बहार निकल कर हिलने लगा, माँ की क्या मस्त मोटी और चिकनी गांड थी मन हो रहा था जा कर उसकी गांड चाट लू इतने में ही माँ उठी और मैं जल्दी से वह से भाग गया। 
मेरी आँखों के सामने सिर्फ माँ की गांड का वो सीन ही बार बार नजर आ रहा था, मैं पहली बार किसी औरत की नंगी जिस्म को देखा था वो भी थोड़ा सा, मैं यही सोच रहा था कैसे भी कर के माँ की चूत और उस से निकलता मूत देख सकू। उसी दिन रात को खाना खान के बाद जैसे ही माँ सोने से पहले पेशाब करने गयी मैं फिर से बाथरूम के निचे डोर की छेद से देखने लगा दोस्तों मैं आप को बता नहीं सकता क्या नजारा था इस बार माँ मेरी तरफ ही मुँह कर के मूतने बैठी थी और मुझे उसकी चूत से निकलता पेशाब दिखाई दे रहा था।
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैं ऊपर से ही उसको सहलाने लगा इतने में माँ उठी और मैं अपने रूम में जा कर सो गया और माँ को कैसे चोदू यही सोच रहा था डर भी लग रहा था की कही कुछ गलत न हो जाये मैं कुछ ऐसा करना चाहता था की माँ अपनी मर्जी से मेरे साथ चुदाई करें और मुझ से वैसे ही चुदे जैसे वो पापा से चुदती है।
दूसरे दिन मैं उठा और उस दिन फिर से तीन बार माँ की चुत और उस से निकलता पेशाब देखा और चुदाई के लिए पागल होता गया रात हुई तब मैंने सोचा आज तो चुदाई करनी ही है। 
रात को माँ और मैं खाना खाया कुछ देर टीवी देखने के बाद मैं उठा और बाथरूम की तरफ गया और अब टाइम था मेरे प्लान को पूरा करने की, मैंने बाथरूम को डोर लॉक नहीं किया और मैं जोर से चिल्लाया और बाथरूम में गिरने का नाटक किया और मैंने अपनी लोअर से अपना लन्ड बहार निकला हुआ था जिससे माँ को लगे मैं पेशाब करते हुए गिर गया हु, मैं ऐसे ही गिरा हुआ चिल्ला रहा जैसे मुझे बहोत दर्द हो रहा हो जैसे ही माँ आयी मैं उल्टा हो गया और अपने लण्ड को हाथ से छुपा कर दर्द का नाटक करने लगा और माँ को यही लगा की गिरने से मेरे लण्ड पर चोट लग गयी है
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माँ ने मुझे हाथ दे कर उठाया और मैं जैसे ही उठा मेरा ६ इंच का लंड लटकने लगा जिसे देख कर पहले तो माँ थोड़ा शर्मा गयी क्यों की उस समय मैं १९ साल का था और माँ ने मुझे ऐसे देखा था। 
फिर मैं दर्द का नाटक किया और माँ वैसे ही मुझे सहारा दे कर वह से अपने बैडरूम में ले गयी और मुझे बेड पर भैठा दिया और बोली क्या हुआ कहा चोट आयी है मैंने अपनी लण्ड की ओर इशारा किया और बोला मुझे यहाँ चोट लगी है। 
माँ बोली अरे बीटा नुनु में चोट लग गयी है और वो बोली थोड़ा देर में ठीक हो जायेगा जा अपने रूम में सो जा कल तक ठीक हो जायेगा, मैं वह से उठा और ऐसे ही लटकते हुए लण्ड को ले कर वह से चला गया। 
अपने रूम में मैं थोड़ा देर बैठा रहा और माँ कुछ देर बाद सो गयी होगी मैं उठा और माँ की रूम की तरफ गया और माँ को जगा कर बोला मम्मी दर्द बहोत हो रहा था डॉक्टर के पास चलो ना इतने में माँ बोली बेटा इतने रात में कोई डॉक्टर कहा मिलेगा और उसने मुझे अपने बेड पर बैठने को कहा। 
मैं बैठा और माँ उठ गयी और बोली दिखा मैं देखु कही तेरा नुनु सूज तो नहीं गया। माँ अभी भी मुझे बच्चा समझती थी और मेरे लंड को नुनु पुकार रही थी। 
माँ के बोलने पर मैंने लण्ड बहार निकला और माँ पहले लाइट चालू की फिर मेरे लंड को देखने लगी मेरा लण्ड बिलकुल नार्मल था क्यों की मैं तो ड्रामा कर रहा था , इतने में माँ बोली बेटा नुनु के ऊपर की चमड़ी को पीछे करो अंदर देख लेती हु कही वहां तो चोट नहीं लग गयी। 
अभी तक माँ ने मेरे लण्ड को छुआ नहीं था वो सिर्फ दूर से ही देख रही थी , जैसे ही मैंने सुपाड़ा खोला माँ उसको पास से देखि और बोली ठीक तो दिख रहा है हो सकता है अंदरूनी चोट आयी होगी मैं तेल दे रही हु अपने रूम में जाओ और बैठ कर मालिश कर लो कुछ आराम मिलेगा।
मैं बोलै माँ मुझ से नहीं होगा बहोत दर्द हो रहा है आप डॉक्टर से पास चलो मुझे ले कर, माँ कुछ टाइम खड़े खड़े कुछ सोची और बोली चलो मैं ही मालिश कर देती हु। 
अब मैं बेड पर लेट गया और अपनी लोअर पूरा उतार दिया निचे से पूरा नंगा हो चूका था मम्मी बेड पर बैठ कर हाथ में तेल लगा कर जैसे ही मेरे लंड को टच की मेरे पूरी बॉडी में करंट जैसा लगा , ये पहली बार था जब किसी औरत ने मुझे ऐसे देखा और छुआ था। अब माँ मेरे लण्ड में तेल डाल कर ऊपर निचे कर के मालिश करने लगी धीरे धीरे मेरा लंड खड़ा होने लगा और टाइट हो कर पूरा खडा हो गया अब मेरा मोटा और लम्बा लंड माँ की हाथ में था वो अभी भी शर्मा रही थी।
मेरे लंड की मालिश करते करते अब माँ का सरमाना काम हो गया और वो जोर जोर से लंड हिला हिला कर ऊपर निचे करने लगी मुझे बहोत मजा आ रहा था मुझ से रुका नहीं गया और मेरे लंड का पानी जोर से निकला और माँ के मुँह और उसके बाल में जा कर गिरा मेरी पूरी बॉडी एक बार जोर से अकड़ ही गयी जैसे ही लुंड से वीर्य की धार निकली।
माँ उठी और कपडा ले कर वीर्य मेरे लंड और अपने मुँह से साफ़ की और बोली बेटा अब तू बड़ा हो गया है। मैं बोला माँ ये पानी जैसा क्या निकला तो वो बोली ये वीर्य है इस से बच्चा पैदा होता है मैं पूछा अब मेरा बच्चा पैदा हो जायेगा क्या ? मैं पूरा नाटक कर रहता था जब की मुझे तो सब पता था और माँ को चोदने का पूरा प्लान ठीक जा रहा था।
माँ बोली नहीं मेरे लाल बच्चा सेक्स करने से होता है, मैं बोला सेक्स कैसे होता है तो वो बोली तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या ? मैंने कहा नहीं है
तब वो बोली जब तेरी गर्लफ्रेंड होगी तब तू सब समझ जायेगा और पूछने लगी अभी दर्द कम हुआ क्या ?
मैं बोला हा थोड़ा कम हुआ है, माँ मेरे लंड की मालिश करते हुए थोड़ी गर्म हो चुकी थी और मेरे लंड की तरफ बार बार देख रही थी, फिर बोली तेरा लंड तो तेरे पापा से बड़ा और मोटा है। 
इस बार माँ ने नुनु नहीं बोला ये सुन कर मैं खुस हो गया और माँ को गले लगा कर आई लव यू बोला माँ ने मुझे आई लव यू टू बोल कर गाल पर किश दिया।
अभी माँ की साँसें तेज और गरम हो चुकी थी क्यों की एक जवान लड़का उनके सामने नंगे लंड लिए बैठा था। मेरा लंड ढीला पड़ चूका था इतने में माँ बोली एक बार और मालिश कर देती हु पूरा दर्द चला जायेगा और मैं हाँ बोल कर फिर से लेट गया और माँ फिर से लंड की मालिश करने लगी और बोली बेटा मैं तेरे लंड की और अच्छे से मालिश कर देती हु और वो जोर जोर से रगड़ कर मालिश करने लगी इतने में मेरा लुंड फिर से खड़ा हो गया।
दोस्तों आगे की स्टोरी स्टोरी पढ़ने के लिए इन्तजार करे मैं जल्दी ही आगे की स्टोरी ले कर आ रहा हूँ और प्लीज कमैंट्स कर के बताये आप को यहाँ तक की कहानी कैसे लगी ?

पड़ोसी डॉक्टर की बीवी की ठुकाई Padosi doctor ki biwi ki thukai

2 comments :
हैल्लो दोस्तों, में साहिल आज आप सभी को अपने सबसे अच्छे सेक्स अनुभव के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसमें मैंने अपने पड़ोसी डॉक्टर की मस्त सेक्सी पत्नी को चोदा। में लखनऊ में रहता हूँ और में दिखने में एकदम अच्छा हूँ और में पिछले बहुत सालों से कामुकता डॉट कॉम की सेक्सी कहानियाँ पढ़कर उनके मज़े लेता आ रहा हूँ। अब में सीधे अपनी उस घटना को सुनाता हूँ जिसको पढ़कर आप लोगो को जरुर मजा आएगा। दोस्तों मेरे घर के पास में ही एक घर में छोटा सा क्लिनिक है वो क्लिनिक नीचे है और उसके ऊपर के हिस्से में उसके डॉक्टर साहब रहते है। उनका नाम सलीम है और उनकी उम्र करीब 30-32 के आसपास होगी उनकी पहले भी एक शादी हो चुकी थी, लेकिन उन दोनों पति पत्नी के बीच में बहुत बार ना जाने किस बात को लेकर झगड़ा हुआ और अब उनका तलाक भी हो चुका है और अभी एक साल पहले उन्होंने दूसरी शादी की है, वो भी अपनी पसंद से। उनकी पत्नी सच में दिखने में बहुत ही सुंदर है। 
उनका घर मेरे घर के पास में ही है इसलिए में अक्सर उनको देख ही लेता हूँ। दोस्तों शादी के बाद करीब 4-6 महीने तक तो उनकी नई पत्नी घर से बाहर आती ही नहीं थी, लेकिन बाद में धीरे धीरे वो बाहर आने लगी, उनके घर में पति पत्नी और एक नौकरानी है और वो नौकरानी तो सुबह शाम को आकर उसका काम खत्म करके अपनी घर पर चली जाती है और उसके चले जाने के बाद डॉक्टर सलीम और उनकी पत्नी पूरे घर में अकेले ही रहते है और अभी उनकी नई नई शादी हुई है इसलिए उनके घर में अभी कोई बच्चे भी नहीं है। दोस्तों सलीम कहने को तो एक डॉक्टर है, लेकिन वो बहुत ही पतले दुबले आदमी है और उनकी पत्नी उनके शरीर से बिल्कुल उलटी है, उनका जिस्म बहुत ही भरा हुआ है और उनके बूब्स की ऊँचाइयाँ उनकी सुन्दरता को और भी बड़ा देती है, क्योंकि वो मेरे घर के पास वाले घर में रहते थी इसलिए मेरी उनसे हर कभी बातचीत तो होती ही रहती थी और में उन्हे नजमा भाभी कहता था।
दोस्तों शादी के कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन कुछ ही समय के बाद उन दोनों में हर एक छोटी छोटी बातों को लेकर लड़ाई, झगड़े होने लगे थे, जिसमें मुझे बाद में नजमा भाभी से पता चला यह बात उन्होंने मुझे कही। दोस्तों में एक बार और बता दूँ कि उनकी छत मेरी छत के बराबर है, मतलब हम दोनों की छत के बीच में बस एक दीवार का ही फासला है, लेकिन उनकी छत पर भी एक रूम भी बना हुआ है और यह अभी तीन महीने पहले की बात है। उस समय गर्मियो के दिन थे और कुछ ज्यादा ही गर्मियां थी, इसलिए हम लोग कभी कभी ऊपर छत पर सोने चले जाते थे और उस दिन भी ठीक वैसा ही हुआ। में जब उस रात को अपनी छत पर सोने गया तो मैंने देखा कि पास की छत पर डॉक्टर साहब की पत्नी जिनका नाम नजमा था वो भी उनकी छत पर खड़ी हुई थी और वो किसी सोच विचार में लगी हुई थी। 
उस समय उन्होंने मेक्सी पहन रखी थी और वो बहुत ही हल्की और जालीदार मेक्सी थी, जिससे उनके शरीर के गोरे अंगो को बाहर से भी देखा जा सकता था, लेकिन उस समय छत पर बहुत कम रोशनी होने की वजह से में उनके शरीर को ठीक तरह से देख नहीं पा रहा था, लेकिन कुछ भी हो वो मुझे थोड़ी दूर से ही सही, लेकिन बहुत अच्छी लग रही थी इसलिए में हमेशा उनसे बातें करने के नये नये मौके देखा करता था। उस रात को भी मैंने ठीक वैसा ही किया और मैंने सही मौका देखकर उनसे बातें करना शुरू किया और मैंने उनसे पूछा कि नजमा भाभी क्या आप लोगों ने खाना खा लिया? तो उन्होंने कहा कि हाँ हमारा खाना पीने का काम तो खत्म हो गया है बस अब में सोने की तैयारी कर रही हूँ। तभी मैंने उनसे पूछा कि क्या आप लोग हर रात को ऊपर छत पर ही सोते है? तब उन्होंने कहा कि हाँ, लेकिन कभी कभी जब कभी नीचे गर्मी ज्यादा होती है तो हम दोनों छत पर ही सो जाते है। अब मैंने उनसे पूछा कि सलीम भाई कहाँ है क्या वो नीचे है या कहीं बाहर गये है? तब उन्होंने मुझसे कहा कि कुछ देर पहले मेरे साथ खाना खाकर वो तो अपनी बहन के यहाँ पर गये हुए है, उन्हें कोई जरूरी काम था और वो कल सुबह तक वापस आ जाएँगे, तब मैंने उनकी पूरी बात को सुनकर उनसे पूछ लिया तो क्या आप आज घर में अकेले है? वो तुरंत बोली कि हाँ और तब मैंने उनसे पूछा कि क्या आपको अकेले में इतने बड़े घर में रहने में डर नहीं लगता? तो नजमा भाभी ने मुझसे कहा कि हाँ नीचे मुझे बहुत डर लग रहा था इसलिए तो में छत पर चली आई और अब मुझे नींद भी नहीं आ रही है। 
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फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ मुझे भी तो नींद नहीं आ रही है और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम एक काम करो तुम भी मेरी छत पर आ जाओ और हम दोनों थोड़ी देर बैठकर बातें हंसी मजाक करते है उसके बाद जब तुम्हे नींद आने लगे तो तुम सोने चले जाना और अब में मन ही मन बहुत खुश होकर उनके कहने पर उनकी छत पर उस दीवार को खुदकर चला गया और उन्होंने मेरे जाते ही उस रूम के अंदर से एक छोटा सा पलंग बाहर निकाला और मुझसे कहा कि हाँ चलो अब बैठ जाओ हम बैठकर बातें करते है और में उनके कहने पर उस बेड पर बैठ गया तो वो भी मेरे पास में आकर बैठ गई और हम लोग पहले तो ऐसे ही इधर उधर की बातें और हंसी मजाक करते रहे मुझे उनसे आज पहली बार इतनी पास बैठकर बातें करना बहुत अच्छा लगा और में मन ही मन बहुत खुश था क्योंकि यह मेरा उनसे बिल्कुल पास चिपककर बैठने का मौका पहला था।
फिर अचानक से उन्होंने मुझसे पूछा कि अब आप मुझे सच सच यह बात बताइए कि आपकी कितनी गर्लफ्रेंड्स है? तो मैंने उनसे कहा कि अगर में सच बताऊँ तो मेरी गर्लफ्रेंड एक भी नहीं है। तभी उन्होंने मुझसे कहा कि इसका मतलब आपने कभी भी अपनी लाइफ में कोई मज़ा मस्ती नहीं किया? तब मैंने उनसे कहा कि नहीं ऐसी कोई भी बात नहीं है मैंने मज़े और मस्तियाँ तो बहुत बार किया है। फिर वो मुझसे पूछने लगी कि किस तरह का मज़ा किया है ज़रा हमें भी तो बताए हम भी तो सुने आपकी कहानी कि आपने अब तक कैसे कैसे मज़े लिए है जरा खुलकर हमें बताए? अब उनके इस सवाल को सुनकर में थोड़ा सा शरमा गया और में मन ही मन सोचने लगा कि अब में क्या जवाब दूँ और इनको क्या बताऊँ और मैंने अपना सर नीचे झुका लिया। तभी वो मुझसे बड़े ही प्यार से मेरे सर पर हाथ फेरते हुए कहने लगी कि अरे लगता है तुम तो मुझसे शरमा रहे हो और तुम तो मुझे हमेशा अपनी भाभी कहते हो तो फिर मुझसे कैसा शरमाना? और अब उनका हाथ धीरे धीरे मेरे सर से मेरे गालों पर आ गया था और वो बड़े प्यार से मेरे गालों पर अपना हाथ फेर रही थी। फिर मैंने महसूस किया कि उनके हाथ बहुत ही मुलायम थे और जब उन्होंने मेरे गालो को अपने नरम हाथों से छुआ तो मेरे पूरे शरीर के अंदर एक अजीब सी सनसनी होने लगी थी, जिसकी वजह से में और थोड़ा सा पीछे हटकर बैठ गया और वो समझ गई कि में अब भी शरमा रहा हूँ। 
तभी उन्होंने अचानक से एक बार फिर मुझसे पूछा कि क्या आपने कभी किसी लड़की या औरत को नंगा देखा है? तो दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत ज्यादा चकित हुआ, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि में कभी उनके मुहं से ऐसे भी शब्द सुन सकता हूँ और वो मुझसे क्या कभी ऐसे भी सवाल पूछ सकती है और मुझसे एकदम खुलकर बातें भी कर सकती है। मेरे दिमाग में इस तरह के बहुत सारे सवाल घर कर रहे थे, लेकिन मैंने मन ही मन सोचा कि जब उसको मुझसे यह बात पूछने में किसी भी तरफ की कोई झिझक कोई शरम नहीं है तो में क्यों करूं? और फिर मैंने बहुत खुश होकर कहा कि हाँ देखा तो है, लेकिन कभी जी भरकर नहीं देख पाया और वैसे तो में ब्लूफिल्म में कितनी बार देख लेता हूँ, लेकिन जो मज़ा अपनी आखों के सामने देखने में है वो फिल्म में नहीं है। फिर मेरी बातें सुनकर वो हंसते हुए बोले कि क्यों आप बातें तो बहुत अच्छी कर लेते हो? मैंने कहा कि अगर आप जैसी कोई सुंदर औरत सामने बैठी हो तो बातें खुद ही अच्छी हो जाती है और वो बातें आप जैसी परी को अच्छी लगने लगे तो हम जैसो की किस्मत तो चमक ही जाए और अब मैंने महसूस किया कि बातें करते करते नजमा भाभी का हाथ अब मेरे गालों से नीचे सरकता हुआ मेरी छाती तक आ गया था और वो मेरी छाती पर हाथ फेरते हुए बड़े ही प्यार से मुझसे कहने लगी और पूछने लगी क्या तुमने कभी किसी के साथ चुदाई की है? दोस्तों नजमा भाभी के मुहं से एकदम से चुदाई जैसे शब्द सुनकर में तो एकदम चकित हो गया क्योंकि मुझे विश्वास नहीं था कि वो इतनी जल्दी मुझसे यह सभी बातें भी पूछ सकती है? इसलिए में बहुत घबरा गया और मैंने अपना सर नीचे झुका लिया।
 फिर उसके बाद वो मेरी जाँघो पर अपना एक हाथ फेरते हुए मुझसे कहने लगी कि में बहुत दिनों से अकेली हूँ क्या आप मेरा साथ देंगे? दोस्तों तब मैंने पहली बार अपनी भाभी की आँखो में आखें डालकर उनकी तरफ देखा तो सच में उनके चेहरे में उस समय एक बहुत ही अजीब ही कशिश थी इसलिए अब में बिना कुछ कहे भाभी के चेहरे को अपने हाथों से अपनी तरफ खींचते हुए उनके नरम गुलाबी होंठो पर किस करने लगा। तब उन्होंने अपनी दोनों आँखे बंद करके अपने आप को बिल्कुल फ्री छोड़ दिया जिसकी वजह से उनका पूरा शरीर मेरी बाहों में झुला झूलने लगा और तब में बहुत जल्दी समझ गया कि आज की रात मुझे जन्नत की सेर करने का वो मौका मिलेगा जिसका मुझे बहुत लंबे समय से इंतजार था। मतलब भाभी की चुदाई पक्की थी। फिर में बड़े आराम से नजमा भाभी के होंठो को चूसने लगा और अपने हाथ उनके बालो में फेरने लगा। में बहुत मज़े से उनके होंठो को चूस रहा था और फिर भाभी ने कुछ देर बाद धीरे से अपनी आखें खोल दी और मेरे मुहं में उन्होंने अब अपनी जीभ को डालकर बहुत मज़े से मेरे होंठो को चूसना शुरू कर दिया और वो अपने हाथ से मेरी जांघो को भी सहलाने लगी थी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
दोस्तों नजमा भाभी की वो मेक्सी बहुत ही हल्की थी और उसमें से मुझे उनका पूरा गरम भरा हुआ जिस्म अब साफ साफ दिख रहा था, जिसको देखकर में उसको छूने के लिए ज्यादा पागल हो रहा था और में हम दोनों का वो जोश देखकर अपने हाथ को उनके बालों से हटाकर उनके बूब्स पर रखकर उनको सहलाने लगा जिसकी वजह से वो हल्के से आअह्ह्हहह उफफ्फ्फ्फ़ साहिल हाँ थोड़ा और ज़ोर से दबाओ कहने लगी। फिर मैंने बिना कुछ कहे उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए उनकी मेक्सी के ऊपर का हिस्सा दो बटन खोल दिए और अब उनके बूब्स मेरी आखों के सामने थे। में उनके बड़े बड़े गोरे बूब्स और उसकी गुलाबी कलर की निप्पल को देखकर तो में अपने काबू में नहीं रहा और में जल्दी से उनके बूब्स को अपने होंठो से चूसने लगा। पहले तो में उनके निप्पल के साथ खेलता रहा और फिर जब मैंने उनके बूब्स को अपने पूरे मुहं में लेकर ज़ोर से ज़ोर दबाकर उनका रस निचोड़कर चूसना शुरू किया तो वो आअहहह उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से चूसो इनका पूरा रस चूस लो मेरे साहिल मेरी जान और ज़ोर से साहिल आउूउफफफ हाँ ठीक ऐसे ही चूसते रहो। दोस्तों उनके बूब्स इतने नरम मुलायम थे कि में शब्दों में आप लोगों को क्या बताऊँ? में उनको बहुत देर तक चूसता दबाता रहा। 
फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी चूत पर पेंटी के ऊपर से रख दिया और अब में उनकी चूत को हल्का हल्का सहलाने लगा। फिर थोड़ी ही देर में मुझे महसूस हुआ कि उनकी चूत अब पूरी गीली हो चुकी है इसलिए मैंने बिना समय खराब किए उनकी पूरी मेक्सी को जल्दी से खोल दिया। मैंने जैसे ही मेक्सी को खोल दिया मुझे काली कलर की ब्रा के पीछे छुपे हुए गोरे बूब्स दिखने लगे। तभी नजमा भाभी मुझसे कहने लगी कि यहाँ नहीं उस रूम के अंदर चलो, यहाँ पर किसी ने हमें यह सब करते हुए देख लिए तो मेरे लिए तो बहुत बड़ी मुसीबत हो जाएगी। अब मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है और फिर में उनको अपनी गोद में उठाकर अंदर के रूम में ले गया और मैंने देखा कि अंदर एक और पलंग लगा हुआ था और उसके पास में एक टेबल रखी हुई थी, जिस पर कुछ गंदी किताबे रखी हुई थी। मैंने एक किताब को उठाकर खोलकर देखा तो उसमे पूरी नंगी चुदाई की बहुत सारी तस्वीर थी।
 फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या यह किताबे यहाँ पर आपने रखी है? तो वो मुझसे कहने लगी कि नहीं, सलीम का लंड इतनी जल्दी खड़ा नहीं होता है तो वो इन किताबो में नंगे फोटो देखकर जोश में आकर अपना लंड खड़ा करते है, यह सभी किताबे उनकी है, लेकिन उन सबके क्या फायदे वो बस दो मिनट में ही झड़कर हल्के हो जाते है और उन्होंने आज तक कभी भी मेरी चूत को चुदाई की वो संतुष्टि नहीं दी है, इसलिए मेरी चूत हमेशा अंदर ही अंदर उस कामवासना की आग में जलती रहती है, अब तुम ही बताओ में क्या करूं? इसलिए में तुम्हारे साथ आज यह सब करना चाहती हूँ और मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम मेरी उम्मीद पर खरे जरुर उतरोगे। अब मैंने बिना कुछ बोले उनको बेड पर लेटाकर में उनके पास में जाकर उनके बूब्स को फिर से चूसने लगा और सहलाने लगा और वो मेरे सर को अपने बूब्स पर ज़ोर से दबा रही थी और कुछ बड़बड़ा रही थी उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से चूस, आज पूरा चूस ले मेरा आअह्ह्ह्हहह हाँ ऐसे ही चूसते रहो।
दोस्तों अब नजमा भाभी पूरी तरह से जोश में आकर बहुत मस्त हो चुकी थी, इसलिए मैंने बिना समय खराब किए उनकी चूत को अपने हाथों से सहलाना शुरू किया और फिर धीरे से मैंने अपनी एक उंगली को उनकी चूत के अंदर डाल दिया और तब मैंने महसूस किया कि उनकी चूत पूरी तरह से गीली, बहुत गरम थी, इसलिए मेरी पूरी उंगली फिसलकर चूत के अंदर चली गई और फिर मैंने अपनी दो तीन उंगली को एक साथ चूत के अंदर डाल दिया, लेकिन चूत गीली होने की वजह से वो भी बड़े आराम से अंदर चली गई और अब में अपनी उंगली को उनकी चूत के अंदर बाहर करने लगा। तभी उन्होंने कुछ देर बाद अचानक से मेरे हाथ को पकड़कर रोक दिया तो में तुरंत समझ गया कि अब भाभी कुछ ज्यादा गरम हो गई है। फिर मैंने झट से अपना मुहं भाभी की मुलायम और नाजुक चूत पर रखकर पहले तो चूत के चारों तरफ किस किया और फिर हल्के से अपनी जीभ को मुहं से बाहर निकालकर भाभी की चूत के छेद पर लाकर चूत को चूसने लगा और चूत के दाने को टटोलने लगा।
 मुझे यह सब करना बहुत अच्छा लग रहा था और जिसकी वजह से भाभी ने पूरी तरह से गरम होकर मेरे मुहं को अपनी चूत पर ज़ोर से दबाते हुए मुहं पर अपनी चूत के हल्के से धक्के मारते हुए बोले जा रही थी आअह्ह्हहह वाह मुझे आज पहली बार यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा है, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि सेक्स का यह भी तरीका हो सकता है उफ्फ्फ्फ़ क्योंकि मेरे पति चुदाई करने में नाकाम है तो वो यह सब क्या करेंगे, उन्होंने तो मुझे चुदाई का वो सुख ही नहीं दिया, जिसके लिए में अब पागल हो चुकी हूँ, आह्ह्ह्ह साहिल हाँ तुम बस ऐसे ही मेरी चूत को चूसते रहो उूफफफफ्फ़ आहह्ह्ह्हह हाँ और ज़ोर से और ज़ोर से ऊईईईईई ऊऊहह हाँ और चूस मेरी चूत का पूरा रस चूस लो और में अब और ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत को चूसने लगा और नजमा भाभी मेरे मुहं को अपनी चूत पर धक्का लगा लगाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रहे थी, लेकिन तभी मैंने कुछ देर बाद महसूस किया कि अचानक से भाभी के धक्को की स्पीड ज्यादा तेज हो गई और ऊऊऊहह आआह्ह्हहह और फिर उन्होंने अपने एक हाथ से मेरे मुहं को अपनी चूत पर ज़ोर से दबा दिया और फिर मेरे देखते ही देखते भाभी हल्की हो गई और उनकी चूत से बाहर निकलने वाले रस को मैंने बड़े मज़े से पूरा चूस लिया और अब मैंने वहां से बाहर आकर अपना मुहं धोकर में दोबारा उनके पास आ गया, वो तब तक वैसे ही चुपचाप लेटी हुई थी। फिर में उनके पास में जाकर लेट गया और फिर वो मेरी तरफ घूम गई और उन्होंने मेरे बनियान को मेरे शरीर से अलग कर दिया और मेरे पजामे को भी उतार दिया जिसकी वजह से अब मेरा लंड पूरी तरह से बाहर होकर अब बिल्कुल आज़ाद हो गया था। फिर भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथों में लेते हुए मुझसे बोला कि लंड हो तो ऐसा और मुझे तो इसको देखते ही मज़ा आ गया और फिर वो हल्के हल्के मेरे लंड को हिलाने लगी और फिर मेरे ऊपर आकर मेरी छाती पर किस करने लगी तो में और भी ज्यादा गरम होकर उनसे लिपट गया। पहले वो मेरे सीने पर किस करती रही और फिर वो किस करते करते मेरे पेट और फिर मेरी जांघो पर किस करने लगी और फिर मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाते हुए उन्होंने अपने मुहं के पास ले जाकर मेरे लंड पर एक किस कर लिया। दोस्तों उनके नरम होंठो का स्पर्श पाकर तो मानो मेरा लंड और भी ज्यादा टाईट हो गया। फिर बड़े प्यार से नजमा अपनी जीभ को बाहर निकालकर मेरे लंड पर फेरने लगी और जब वो अपनी जीभ को मेरे लंड पर फेर रही थी तब तो में अपने काबू से बाहर होने लगा था। तब उन्होंने मेरी हालत को देखकर मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर उसे चूसने लगी। पहले तो उन्होंने मेरे आधे लंड को अपने मुहं में लिया और फिर मैंने एक झटका मार दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उनके मुहं में चला गया और वो गूं गूं करने लगी। फिर उसके बाद मैंने थोड़ा सा लंड को बाहर निकाला तो भाभी अपनी जीभ से मेरे लंड को चूसने लगी।
अब मेरा कंट्रोल पूरा खोने लगा था और मुझे लगा कि अब में बस झड़ जाऊँगा, तभी भाभी ने लंड को अपने मुहं से बाहर निकालकर मुझे देखते हुए वो मुझसे पूछने लगी क्यों साहिल अच्छा लग रहा है या नहीं? तो मैंने कहा कि हाँ मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और फिर मैंने तुरंत उनको अपने ऊपर खींच लिया और उनके होंठो पर ज़ोर से किस करने लगा और फिर उनको अपने नीचे करके में उनके दोनों पैरों के बीच में आकर उनके दोनों पैरों को उठाकर अपने कंधे पर रख लिए जिसकी वजह से अब उनकी चूत का छेद गुलाब की पंखुड़ियों की तरह पूरा खुलकर बिल्कुल मेरे लंड के सामने था। फिर मैंने भाभी की चूत में पहले अपनी दो उँगलियों को डालकर उसे अंदर बाहर करने लगा। फिर उसके बाद मैंने अपनी उंगली को चूत से बाहर निकालकर उनकी चूत के छेद पर अपना लंड रखकर ज़ोर का धक्का मारा जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में फिसलता हुआ अंदर चला गया और वो ज़ोर से चिल्ला उठी आह्ह्ह्ह में मररर्र्र्र्ररर गई ऊउऊहह आह्ह्हहह मर गई। 
मैंने फिर से एक और ज़ोर का एक झटका और मार दिया और में अपने लंड को उनकी चूत के अंदर डालकर करीब दो मिनट ऐसे ही रुक गया और वो आहहह्ह्ह्ह उफ्फ्फ वाह क्या मज़ा है? फिर वो धीरे धीरे सिसकने लगी और उसके बाद मैंने अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकालकर फिर से झटका मार दिया। फिर भाभी कह उठी हाँ साहिल फाड़ दो आज तुम मेरी चूत को, में पिछले दो महीने से प्यासी हूँ। आज तुम मेरी चूत की प्यास को बुझा दो और ज़ोर से धक्के देकर चोदो तुम मेरी चूत को। दोस्तों उनके मुहं से यह शब्द सुनकर मेरे अंदर और भी ज्यादा जोश आ गया, जिसकी वजह से में और भी ज़ोर से उनकी चूत को लगातार धक्के देकर चोदने लगा और नजमा भी अपनी कमर को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी और थोड़ी देर बाद उन्होंने उनकी कमर को ऊपर उठाने के स्पीड को भी बहुत तेज होकर अचानक से वो शांत हो गई तो में समझ गया कि नजमा भाभी अब झड़ चुकी है, लेकिन में अब भी नहीं झड़ा था और इसलिए में ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा। फिर थोड़ी देर बाद में भी झड़ने के करीब आ गया तो मैंने उनसे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ आप मुझे बताए कि में अपने वीर्य का क्या करूं? तब उन्होंने मुझसे कहा कि कोई बात नहीं है तुम अपना वीर्य मेरी चूत में ही गिरा दो और मैंने ठीक वैसा ही किया। में देखते ही देखते उनकी चूत में झड़ गया और मैंने अपना एक एक बूंद वीर्य उनकी चूत की गहराई के अंदर जाने दिया। दोस्तों मेरे झड़ने के बाद दो चार मिनट तक तो में उनके ऊपर ही लेटा रहा। फिर उसके बाद में उठकर उनके पास में आकर लेट गया तो नजमा ने जल्दी से उठकर अपनी जीभ से मेरे लंड को चाट चाटकर साफ किया और उसके बाद वो बाथरूम में चली गई। में वहीं पर थोड़ी देर तक तो लेटा रहा और जब नजमा वापस आई तो मैंने उनसे कहा कि में अब अपनी छत पर जा रहा हूँ और जब मैंने घड़ी की तरफ देखा तो उस समय रात के 3.30 बज रहे थे और में उनसे कहकर अपनी छत पर जाने लगा। फिर तभी नजमा ने मुझसे पूछा कि आप रोज रात को छत पर ही सोते है? मैंने कहा कि कभी कभी में ऊपर आ जाता हूँ, तो वो मुझसे मुस्कुराते हुए कहने लगी कि आप कल फिर से रात को ऊपर छत पर आ जाना। तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन क्या आप मेरी एक बात मानोगे? अब नजमा मुझसे पूछने लगी कि वो क्या? मैंने कहा कि जब आपकी चूत इतनी मस्त है तो आपकी गांड कैसी होगी? इसलिए में एक बार आपकी गांड भी मारना चाहता हूँ। तब वो हंसकर मुझसे कहने लगी बस इतनी सी बात, अब मैंने उनसे पूछा कि क्या सलीम भाई ने कभी आपकी गांड मारी है? तो वो बोली कि अरे वो मुझे ठीक से चोद नहीं पाते है तो वो मेरी गांड क्या मारेंगे और यह बात कहते हुए उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरे होंठो पर किस कर लिया ।।

Pizza वाले ने पिज़्ज़ा मेरी चूत में और लंड मुँह में डाला pizza wale ne pizza meri chut me or lund muh me dala

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 मेरा नाम रेशमा शर्मा है मेरी उम्र १८ साल है, मैं उत्तर प्रदेश के छोटे से गाँव की रहने वाली हु 12th की पढाई पूरी करने के बाद मैं लखनऊ आ गयी आगे कॉलेज के पढाई करने के लिए मैंने बी ए में एडमिशन लिया है।
जब मैं यहाँ आयी तो पापा मेरे साथ आये थे और मुझे गर्ल्स हॉस्टल की जगह प्राइवेट एक कमरे का रूम किराये से दिलवा दिया।
मैं कॉलेज जाना शुरू की और वहाँ मैं देखी सभी लड़कियों के बॉय फ्रेंड्स है वहाँ जल्दी ही मेरी कुछ सहेलियां बन गयी और ऐसे ही एक सप्ताह निकल गया मुझे कॉलेज में बहोत मजा आ रहा था नया शहर मुझे बहोत अच्छा लगा क्यों की मैं यहाँ आजाद थी, घर पर मुझे कही भी जाने की इजाजत नहीं मिलती पापा मम्मी हमेशा मुझ पर नजर रखते थे इसलिए मेरा कोई बॉय फ्रेंड नहीं था।
मैं घर पर मम्मी पापा को बहोत बार सेक्स करते देख चुकी थी और मेरी भी चुदाई की इक्षा होती थी लेकिन पापा से डर से मुझे किसी से चुदवाने की हिम्मत नहीं हुई, पापा ने मुझे यहाँ लखनऊ में अलग रूम इसलिए दिलवाया था ता की मैं गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियों के साथ बिगड़ न जाऊ। 
यहाँ उन्होंने मकान मालिक को मेरा ध्यान रखने को कहा था और मकान मालिक आते जाते मुझ पर नजर रखता था मेरा मकान मालिक यही कोई ५५ साल का था जिसे मैं ताऊ जी बुलाती थी।
कॉलेज से निकलने के बाद मैं कुछ टाइम अपने सहेलियों के साथ पार्क में जाती थी, वहाँ मेरी एक सहेली में मुझे बताया की वो कैसे अपने बॉय फ्रेंड से चुदवाती है और उसे कितना मजा आता है, ये सब सुन कर मेरी चुदवाने की खुजली और बढ़ गयी लेकिन मैं डर की वजह से कुछ कर नहीं सकती थी। 
फिर मैं सोचने लगी जैसे लड़के लोग रंडियों को पैसा दे कर चोदते है ऐसे ही कोई पैसे ले कर चोदन वाला लड़का मिल जाये तो मैं भी चुदवा लेती।
रविवार का दिन था कॉलेज की छुट्टी थी मैं घर पर थी मकान मालिक अपने फॅमिली को लेकर बहार घूमने गए हुए थे, मैं घर पर बैठे ऊब रही थी तभी मेरे मेरे मोबाइल पर पिज़्ज़ा कंपनी का मैसेज आया ५०% डिस्काउंट का और मैं सोची आज खाना नहीं बनती और पिज़्ज़ा आर्डर कर दी। तभी मुझे याद आया पिज़्ज़ा देने तो कोई लड़का आएगा अगर मैं पिज़्ज़ा डिलीवरी वाले को पटा कर चुदवा लू तो मजा आ जायेगा आज मौका भी है।
पिज़्ज़ा आने में ३० मिनट का समय था मैं सोचने लगी कैसे करू की वो पिज़्ज़ा वाला लड़का मुझे चोदने को तैयार हो जाये और मुझे एक आईडिया आ गया। मैं पूरी नंगी हो कर टॉवल लपेट कर बैठ गयी और इन्तजार करने लगी कुछ देर बाद डोर बेल बजी मैं समझ गयी पिज़्ज़ा वाला आया है और मैं दरवाजा खोली तो देखी एक पतला दुबला सा लड़का यही कोई २२ या २३ साल का होगा पिज़्ज़ा लेकर खड़ा है मैं उसको अंदर आने को बोली वो जैसे अंदर आया मैं पिज़्ज़ा लेकर टेबल पर रख दी और उसको बैठने को बोली पहले वो मना करने लगा फिर बैठ गया मैं उसको बोली अभी रुको मैं पैसा निकल कर देती हु। वो लड़का नजरें चुरा कर मुझ और मेरी नंगी टांगों को देखे जा रहा था तभी मैंने टॉवल गिरा दिया और टॉवल गिर जाने का नाटक कर के नंगी हो गयी वो मुझे नंगी देख कर खड़ा हो गया और मुझे घूरते हुए नज़ारे घुमा लिया मैं जल्दी से टॉवल उठा कर फिर से लपेट ली।
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मेरी नजर उसके पेन्ट पर गयी उसका लंड खड़ा हो गया था और ऊपर से फुला हुआ दिख रहा था मैं समझ गयी मेरा काम हो चूका है और मैं जा कर दरवाजा लॉक कर दी वो चुपचाप खड़ा था। मैं उसको लिपट गयी और किस करने लगी अभी भी वो वैसे ही चुपचाप खड़ा था। मैं अपना टॉवल खोली और बोली क्या हुआ मैं अच्छी नहीं लगी क्या ?
वो लड़का बोला नहीं मैडम आप बहोत सुन्दर हो मैं बोली सिर्फ मैं सुन्दर हु और कुछ नहीं ?
उसने कहा मैडम आप का सब कुछ सुन्दर है और आकर मुझे पकड़ लिया और मेरे बूब्स चूसने लगा मैं पुरे जोश में आ गयी और मेरी चुत से पानी आने लगा।
मैं जल्दी से उसके कपडे उतारने लगी जैसे ही मैं उसका चड्डी उतारी एक मस्त मोटा लम्बा सा पूरा खड़ा हुआ लंड मेरे सामने था वो लड़का जितना पतला था उसका लंड उतना ही मोटा था मैं थोड़ा डर गयी इतने मोटे लंड से कही मेरी चुत फट ना जाये, लेकिन आज मुझे चुदना ही था। इसलिए मैं उसका लंड चूसने लगी और वो मेरे बूब्स मसल रहा था इसके बाद मैं लेट गयी और उसको मेरी चूत चाटने को बोली वो उठा और पिज़्ज़ा का बॉक्स ओपन कर के के पिज़्ज़ा का टुकड़ा ले कर मेरी चूत पर रख दिया और पिज़्ज़ा का क्रीम अपने लण्ड पर लगा कर बोला ६९ पोजीशन में करते है मैं समझ गयी वो मेरे ऊपर आ गया और मेरे मुँह में क्रीम लगा हुआ लंड डाल दिया और मेरी चुत के ऊपर रखा हुआ पिज़्ज़ा खाते हुए मेरी चूत चाटने लगा।
मैं पहली बार चुदने वाली थी इसलिए डर भी लग रहा था और मजा भी आ रहा था। ५ मिनट तक हम एक दूसरे का चूसते रहे उसके बाद वो उठा और बोलै मैडम आप लेट जाओ आज मैं आप को चोद कर आप को खुश कर दूंगा मैं बोली मैं अभी कुवारी हूँ आराम से करना वो बोला मैडम आप डरो मत मैंने पहले भी कुवारी लड़कियों को चोदा है आज आप के चूत की पूरी खुजली मिटा दूंगा और वो मेरे ऊपर आ गया मेरे चूत में उसने थूक लगाया और मेरे ऊपर चढ़ कर लन्ड चूत पर रख कर जोर का एक धक्का दिया उसका मोटा लंड आधा मेरी चूत में चला गया और दर्द से मेरे आँसू निकलने लगा वो रुक गया और मेरे बूब्स को चूसने लगा २ मिनट बाद मुझे दर्द काम हुआ तब तक वो मेरे बूब्स चूसे जा रहता था मुझे मजा आने लगा और मैं बोली अब चोदो मुझे और उसने एक और जोर का झटका दिया इस बार उसक पूरा लंड मेरी चूत में था और वो धीरे धीरे मुझे चोद रहा था अब मुझे मजा आने लगा।
आह आह आह उह इस आउच और जोर से चोदो और जोर से आह मजा आ रहा है। 
वो लड़का मुझे जोर जोर से चोदने लगा और ५ मिनट बाद उसने लंड बहार निकाला और मेरी चूत के ऊपर लंड का पानी निकाल दिया लेकिन अभी भी मेरी प्यास अधूरी थी मैं बोली मेरा अभी हुआ नहीं और मैं फिर से उसका लंड चूसने लगी उसके लंड पर वीर्य लगा हुआ था जिसका टेस्ट पहले मुझे अच्छा नहीं लगा बाद में मजा आने लगा और मैं उसका लंड चूसती रही उसका लंड ५ मिनट में फिर से खड़ा होने लगा और वो बोला मैडम आप घोड़ी बन जाओ।
मैं घोड़ी बन गयी पहले तो वो मेरी गांड को चाटने लगा और फिर उसने मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल दिया और मुझे फुल स्पीड से चोदने लगा इस बार मुझे और ज्यादा मजा आने लगा मैं भी साथ में धक्के देने लगी और १० मिनट की चुदाई हुई होगी मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं उसको लंड बाहर निकालने को बोली और उसका लंड चूसने लगी इस बार मैं उसके लंड का पूरा माल पीना चाहती थी २ मिनट में उसने लन्ड का सारा माल मेरे मुँह में छोड़ दिया और मैं पूरा गटक गयी।
आज मेरी पहली चुदाई हुई थी मुझे बहोत मजा आया और मैं खुश थी वो लड़का भी बहोत खुश नजर आ रहा था। मैं उसका नाम पूछी तो उसने अपना नाम राकेश बताया और बोला उसने पहली बार पिज़्ज़ा देते हुआ किसी को चोदा है। मैं उठ कर पैसे निकालने लगी और उसको पिज़्ज़ा का १५० रूपए दे दी वो लड़का बोला मैडम आप को कभी भी मेरी जरुरत हो तो बता देना उसने मुझे अपना नंबर दिया और कपडे पहन कर चला गया, मैं अभी भी नंगी थी और चुदाई को याद कर के खुश हो रही थी।
उसके बाद जब भी मैं घर पर होती और मकान मालिक अपनी फॅमिली के साथ बाहर होता, मैं राकेश को बुला कर खूब चुदती थी। एक दिन मैं राकेश से चुदवा रही थी तभी मकान मालिक आ गया और आगे की स्टोरी अगले पार्ट में।
दोस्तों आगे मैं आप को बताउंगी कैसे उस बुड्ढ़े ताऊजी ने मुझे चोदा और अपने बुड्ढे दोस्तों से मुझे चुदवाया तब तक के लिए बाय बाय।