दोस्त की बड़ी बहन को चोदा dost ki badi bahen ko choda
कहानी पढ़ने वाले सभी लोगों को मेरा नमस्कार | मेरा नाम है अभिषेक लुल्लू और मैं आपको अपनी चुदाई की एक कहानी बताना चाहता हूँ | मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और आपको तो पता है दिल्ली कि लड़कियां कैसी होती है | मेरा भी पाला ऐसी ही लड़की से पड़ा था जो की मेरे दोस्त की बड़ी बहन थी | ये कहानी है जब मैंने पहली बार चुदाई की थी | अब मैं आपको अपनी कहानी बताता हूँ |
मैं जब छोटा था तब मेरे घर के पास वाले दोस्त के यहाँ मेरा आना जाना बहुत होता था | मैं अक्सर उसके यहाँ खेलने जाया करता था और उसके यहाँ ही दिन भर खेलता रहता था | उसकी एक बड़ी बहन थी जो देखने में तो गज़ब की लगती थी लेकिन मैं तो उस वक़्त नादान था | वो दीदी मुझे कभी कभी मेरे लंड को पकड़ लेती थी और कभी कभी मेरी पैन्ट उतार देती थी | एक बार मैं अपने दोस्त के यहाँ ही सो गया था तो जैसे ही मेरी नींद हलकी सी टूटी तो मैंने देखा कि मेरी पैन्ट हलकी सी नीचे है और दीदी मेरे लंड को छू रही थी | जैसे ही मैं उठने को हुआ तो दीदी ने पैन्ट ऊपर कर दी और वहां से चली गई |
दो तीन साल बाद दीदी कि शादी हो गई और वो अपने ससुराल चली गई | मैं तब भी ज्यादा बड़ा नहीं था और कुछ साल बाद मुझे पता चला कि दीदी का तलाक हो गया है | अब दीदी अपने घर में ही रहती थी मतलब मेरे दोस्त के यहाँ | अब मैं कभी कभी अपने दोस्त के यहाँ जाता था और दीदी मुझे कम ही दिखाई देते थी | मैं ज्यादातर अपने दोस्त के यहाँ कंप्यूटर के गेम लेने जाता था | कुछ दिन बाद कंप्यूटर दीदी के कमरे में रख गया और मैं अब दोस्त के साथ दीदी के कमरे में ही बैठा रहता था | मैं अब कॉलेज में आ गया था और जिम भी जाने लगा था तो मैं देखने में अच्छा हो गया था | मैंने बहुत बार दीदी को मुझे हवस भरी निगाहों से मुझे देखते हुये देखा है |
मैं जब भी दोस्त के यहाँ जाता था तो पहले उसको फ़ोन लगा लेता था लेकिन मुझे कुछ ज़रूरी काम था इसलिए मैंने अपने दोस्त को फ़ोन लगाया और कहा कि मुझे कुछ चाहिए है तेरे कंप्यूटर से, तो मैं तेरे घर जाके ले लेता हूँ | उसने कहा हाँ ठीक है चले जा और मैं उसके घर चला गया | जिस कमरे में कंप्यूटर रखा था वो दीदी का कमरा था और वो कमरा आखिरी में था | तो मैं अन्दर गया और जैसे ही मैं उस कमरे के पास पहुंचा तो मैंने किसी की सिसकियाँ सुनी | लेकिन मैंने आवाजों को उनसुना करके दरवाज़ा खटखटाया तो दीदी ने दरवाज़ा खोला | तो मैंने दीदी से कहा कि मुझे कंप्यूटर में कुछ काम था, तो दीदी कहा, हाँ आओ चिंटू (मेरे घर का नाम) | मैं जाके कंप्यूटर चलने लगा तो दीदी ने कहा कि इसमें कुछ प्रॉब्लम आ रही है तुम देख लो | तो मैंने पूछा कैसी प्रॉब्लम दीदी, तो वो आके मेरे बाजू में बैठ गई और मुझे बताने लगी |
दीदी मुझे बताते हुए मुझे छू रही थी और अब मैं भी कमीना हो चुका था इसलिए मैं भी मज़े ले रहा था | ऐसे ही बात करते हुए मेरा हाँथ दीदी के दूध पर लग गया, तो मैंने कहा दीदी सॉरी | दीदी बोली कोई बात नहीं | फिर मैंने कहा दीदी मेरा काम हो गया है मैं जाता हूँ | तो दीदी ने मेरा हाँथ पकड़ के मुझे अपने पास बैठा लिया और कहा अच्छा रुको तो सारी बातें अपने दोस्त से ही करोगे क्या, उसकी दीदी से भी कुछ बात कर लिया करो | तो मैं वहीँ बैठ गया और हम बात करने लगे | फिर दीदी कुछ उठाने के लिए नीचे झुकी तो मुझे दीदी के दूध के दर्शन हो गए | मैं दीदी के दूध देख रहा था तो दीदी ने झट से सिर उठाके मुझे देखा, तो मैं इधर उधर देखने लगा | मुझे अब डर लगाने लगा तो मैं फिर वहां से चला गया | दीदी के दूध काफ़ी बड़े थे, तो मैं बार बार दीदी को चोदने के बारे में सोच रहा था और उनको सोच के मुट्ठ मार लेता था |
मैं फिर बहुत दिन तक अपने दोस्त के यहाँ नहीं गया | तो कुछ दिन बाद मुझे दीदी का फ़ोन आया और उन्होंने मुझे अपने घर बुलाया और कहा कि कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई है तो तुम आके देख लो | वैसे तो मेरा दोस्त बाहर गया हुआ था इसलिए मुझे उसके घर जाना सही नहीं लग रहा था लेकिन दीदी ने बुलाया था इसलिए मैं चला गया | मैं सोच रहा था कि दीदी कहीं मुझे मारेगी तो नहीं ? मैं डरते हुए उनके घर पहुंचा और दीदी के कमरे में जाके कंप्यूटर देखने लग गया | दीदी मेरे पीछे ही बैठी थी तो दीदी ने मुझ से पूछा, क्यों हीरो तुम्हारी कोई है ? तो मैंने कहा नहीं है दीदी | तो दीदी हसने लगी और दबी आवाज़ में बोला फिर तो कभी सैक्स भी नहीं किया होगा | मैं शांत हो गया तो दीदी उठी और बोलने लगी कि तुम उस दिन जब मैं झुकी थी, तब तुम क्या देख रहे थे ? मैं एकदम से डर गया और कुछ नहीं बोला | तो दीदी मेरे सामने फिर से झुक गई और का क्या देख रहे थे फिर से देखो | मैं डरा हुआ था तो दीदी ने मेरा हाँथ पकड़ा और अपने दूध पे रख कर बोला यही देख रहे थे ना | मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हो क्या रहा है ? तो दीदी ने कुर्ती उतार दी और अपनी ब्रा नीचे करके बोला अब देखो अच्छे से | तो मैं दीदी के दूध देखने लगा |
मैं दीदी की चुचियों को घूरे जा रहा था तो दीदी ने मेरा हाँथ उठाया और अपने दूध पर रखकर कहा क्या बस देखते ही रहोगे, कुछ करोगे नहीं ? तो मैं समझ गया दीदी आज मुझसे चुदवाने के मूड में है | मैंने दीदी के दूध दबाना शुरू कर दिए | जैसे ही मैंने दीदी के दूध दबाना शुरू किया तो दीदी खुश हो गई | दीदी के चेहरे पे हलकी सी मुस्कान आ गई और उन्होंने मुझे किस कर दिया | हमने 5 मिनिट तक किस किया | दीदी तो किसी हवसी की तरह मुझे किस कर रही थीं | मैं अभी भी दीदी के दूध दबा रहा था और दीदी के दूध बड़े थे और उनमें से दूध भी निकल रहा था और वो दूध मैं पी रहा था |
फिर ने मेरे पैन्ट को खोला और मेरा लंड चूसने लगी | जैसे ही दीदी ने मेरे लंड को मुंह में लिया तो मुझे अपने लंड पे ठंडा ठंडा सा लगा मैं अआह्हह अआह्हह अआह्हह ऊऊम्म्म्म ऊऊम्म्म्म | फिर दीदी ने मेरा लंड चूसा और मैंने अपना सारा माल उनके मुंह में ही झड़ा दिया और दीदी ने सारा माल पी लिया | फिर मैंने दीदी कि सलवार उतारी तो देखा कि दीदी ने पैंटी पहनी ही नहीं थी | तो मैंने कहा कि आज पूरी तैयारी थी चुदने की | फिर दीदी बिस्तर पर लेट गई और मैं बैठ के दीदी कि चूत देखने लगा | मैंने पहली बार असलियत में चूत देखी थी और दीदी की चूत में बिलकुल बाल नहीं थे और एकदम चिकनी थी जैसे आज ही शेव की हो | मैंने धीरे से दीदी की चूत में जीभ लगाई और धीरे धीरे चाटने लगा | मैं चूत चाट ही रहा था कि दीदी ने मेरा सिर पकड़ा और अपनी चूत में दबाने लगी और कहने लगी और ज़ोर से अआह्हह अआह्हह अआह्हह ऊऊम्म्म्म ऊऊम्म्म्म | फिर मैं उठा और दीदी से कहा दीदी मैं बिना कंडोम के नहीं चोदूंगा | तो दीदी ने गद्दे के नीचे से कंडोम निकाला और मुझे दिया और कहा चलो अब शुरू हो जाओ | मैंने अपने लंड पे कंडोम लगाया और दीदी की चूत में डाल दिया | अब मैं दीदी को चोदने लगा और दीदी ने सिसकियाँ लेना शुरू कर दी अआह्हह अआह्हह अआह्हह ऊऊम्म्म्म ऊऊम्म्म्म और करो |
फिर दीदी ने करवट ली और मैंने दीदी का एक पैर उठाया और चूत में लंड डाल के बाजू से दीदी को चोदने लगा | दीदी को अब जोश छड गया और दीदी ने मुझे खींच के बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी | मुझे अब अपने लंड में दर्द सा होने लगा था तो मैंने दीदी को रुकने के लिए कहा तो दीदी हट गई और मेरे लंड से कंडोम हटा के चूसने लगी | दीदी मेरा लंड पकड़ के हिला रही थी और थोड़ी देर में मेरा छूट गया और दीदी के मुंह पर जा गिरा | फिर मैं वहीँ पर सो गया दीदी के साथ और जब उठा तो घर चला गया |
अब हम दोनों अक्सर चुदाई करते हैं और अब मैं उनके घर तब ही जाता हूँ जब मेरा दोस्त घर पर ना हो और खूब चुदाई करता हूँ | मैं आज कल दीदी कि गांड भी मारता हूँ | तो दोस्तों कैसी लगी मेरी कहानी |
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